चुनाव के बीच झारखंड में नेताओं को आ रहे अश्लील वीडियो कॉल, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर भी बाल-बाल बचे

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झारखंड में चुनावी माहौल के बीच नेताओं को लगातार अश्लील वीडियो कॉल और ब्लैकमेलिंग के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में झारखंड के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने भी एक ऐसे ही फेक कॉल से बाल-बाल बचने की बात कही। यह घटना न सिर्फ नेताओं के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है बल्कि इससे सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

कैसे हो रही हैं ये कॉल?

सूत्रों के अनुसार, कई झारखंडी नेताओं को सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर अनजान नंबरों से वीडियो कॉल किए जा रहे हैं। कॉल उठाने के बाद स्क्रीन पर अश्लील सामग्री दिखाई जा रही है और कॉल रिकॉर्ड कर उन्हें बाद में ब्लैकमेल करने की धमकी दी जा रही है। इन कॉल्स के जरिए धोखेबाज लोग नेताओं को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और कई मामलों में उनसे पैसों की मांग की जा रही है।

मंत्री मिथिलेश ठाकुर का बयान

झारखंड के जल संसाधन मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि उन्हें भी ऐसा कॉल आया था, लेकिन उन्होंने इसे तुरंत बंद कर दिया, जिससे वे इस जाल में फंसने से बच गए। उन्होंने अन्य नेताओं को भी सतर्क रहने की सलाह दी है और इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेने की अपील की है।

बढ़ती ब्लैकमेलिंग के मामले

इस तरह की घटनाएं अब केवल झारखंड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अन्य राज्यों में भी राजनेताओं और समाजसेवकों को निशाना बनाया जा रहा है। चुनाव के दौरान नेताओं को बदनाम करने के लिए यह एक नया तरीका बन गया है, जिसमें अश्लील वीडियो कॉल्स और ब्लैकमेलिंग के जरिए उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।

पुलिस की चेतावनी और सुझाव

झारखंड पुलिस ने इस मामले को लेकर सभी नेताओं और जनता को सावधान किया है। पुलिस ने सलाह दी है कि अनजान नंबरों से आने वाले वीडियो कॉल्स को न उठाएं और अगर इस तरह की कॉल आए तो तुरंत रिपोर्ट करें। साइबर सेल इन मामलों की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

क्या है इस घटना का उद्देश्य?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव के समय इस तरह की घटनाओं का उद्देश्य नेताओं को बदनाम करना और उनका मानसिक संतुलन बिगाड़ना हो सकता है। ऐसी हरकतों से नेताओं के मनोबल को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।