ईरान ने हाल ही में इजरायल पर एक बड़ा मिसाइल हमला किया, जिसमें 100 से अधिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। इस हमले के बाद विभिन्न मुस्लिम देशों और अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जो इस क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया:
- पाकिस्तान: पाकिस्तान ने ईरान के इस हमले को “संप्रभुता की रक्षा” का एक कदम बताया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि हर देश को अपनी सुरक्षा के लिए अधिकार है, लेकिन उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
- तुर्की: तुर्की ने ईरान के हमले की निंदा की और कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सभी पक्षों को शांति से समस्या का समाधान करना चाहिए। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगान ने कहा कि युद्ध से केवल विनाश होगा और सभी पक्षों को वार्ता के जरिए समस्या का समाधान करना चाहिए।
- कतर: कतर ने ईरान के हमले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक है। कतर के विदेश मंत्रालय ने दोनों पक्षों से कूटनीति और संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की अपील की है।
अन्य देशों की प्रतिक्रिया:
- संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका ने ईरान के हमले की निंदा की है और इसे “अविवेकी” करार दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार की आक्रामकता से स्थिति और बिगड़ सकती है और उन्होंने इजरायल के अधिकारों का समर्थन किया।
- रूस: रूस ने इस हमले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि यह क्षेत्र में सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि संवाद ही इस स्थिति का समाधान है।
- चीन: चीन ने ईरान के हमले पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। चीन ने कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देने का समर्थन किया और कहा कि इस प्रकार के संघर्ष से सभी देशों को नुकसान होगा।
विश्लेषण:
ईरान का यह हमला एक महत्वपूर्ण विकास है, जिसने न केवल इजरायल बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उभार दिया है। मुस्लिम देशों और अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं इस बात को दर्शाती हैं कि वे इस स्थिति को लेकर कितने चिंतित हैं। सभी देशों ने संयम और कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया है, लेकिन क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है।