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श्रीलंका में भारत की मदद से होगा ‘आधार कार्ड’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ

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भारत-श्रीलंका सहयोग: आधार प्रोजेक्ट की नई पहल

भारत और श्रीलंका के बीच गहराते द्विपक्षीय संबंधों के तहत एक नया कदम उठाया गया है। श्रीलंका में नागरिक पहचान प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारत ‘आधार कार्ड’ जैसी तकनीक को लागू करने में मदद करेगा। यह पहल दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और भरोसे को और मजबूत बनाएगी।


दिसानायके के भारत दौरे में हुआ अहम समझौता

श्रीलंका के नागरिक प्रशासन मंत्री टी. एल. दिसानायके ने हाल ही में भारत का दौरा किया। इस दौरे में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और श्रीलंका के प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
इस बैठक के दौरान भारत ने श्रीलंका में आधार कार्ड जैसी पहचान प्रणाली लागू करने की इच्छा जाहिर की। इस पहल का उद्देश्य श्रीलंका में नागरिक सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाना है।


आधार कार्ड की तरह होगी नई पहचान प्रणाली

श्रीलंका में विकसित की जाने वाली यह प्रणाली भारत के आधार कार्ड मॉडल पर आधारित होगी। इसके तहत:

  1. हर नागरिक को एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा।
  2. नागरिकों के व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित तरीके से स्टोर किया जाएगा।
  3. सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी।

श्रीलंका के विकास में भारत का योगदान

भारत न केवल आधार कार्ड प्रोजेक्ट में मदद करेगा, बल्कि उत्तरी श्रीलंका में एयरपोर्ट विकास और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भी सक्रिय भूमिका निभाएगा।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा:

“भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ विकास साझेदारी में विश्वास रखता है। श्रीलंका के आधार प्रोजेक्ट में यह सहयोग ऐतिहासिक होगा।”


पीएम मोदी का प्रस्तावित श्रीलंका दौरा

बैठक के दौरान श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के दौरे के लिए आमंत्रित किया, जिसे पीएम मोदी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। यह दौरा दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को और गहरा करेगा।


श्रीलंका के नागरिकों को होगा सीधा लाभ

इस पहल से श्रीलंका के नागरिकों को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  1. सरकारी योजनाओं तक सुलभ और पारदर्शी पहुंच
  2. भ्रष्टाचार की रोकथाम
  3. नागरिक सेवाओं में डिजिटलीकरण
  4. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान पहचान प्रणाली।

भारत-श्रीलंका संबंध: एक नई दिशा

भारत और श्रीलंका के बीच यह सहयोग केवल तकनीकी मदद तक सीमित नहीं रहेगा। यह संबंध दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष

श्रीलंका में भारत द्वारा आधार प्रणाली लागू करने की यह पहल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाने का प्रयास है। यह प्रोजेक्ट न केवल श्रीलंका के नागरिकों के जीवन को सरल बनाएगा, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमताओं का एक उदाहरण भी पेश करेगा।