भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान चीनी राजदूत प्रणब बागची के सामने चीन को कड़ी चेतावनी दी। यह घटना दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई, और यह भारत की दृढ़ता को दर्शाती है।
घटना का विवरण
- बैठक का संदर्भ:
- यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों और सीमा विवादों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। एस जयशंकर ने इस अवसर पर चीन के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
- जयशंकर की फटकार:
- एस जयशंकर ने कहा, “चीन को समझना चाहिए कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति गंभीर है। हमें सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता है।”
- उन्होंने यह भी कहा कि चीन को अपने कार्यों पर पुनर्विचार करना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए।
नसीहत का सार
- संप्रभुता का सम्मान:
- जयशंकर ने जोर देकर कहा कि किसी भी देश को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने चीन को चेताया कि उसके आक्रामक रवैये से न केवल भारत, बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ेगी।
- संवाद की आवश्यकता:
- भारत ने चीन से अपील की कि दोनों देशों के बीच खुले संवाद की आवश्यकता है ताकि समस्याओं का समाधान मिल सके और संबंधों को सामान्य किया जा सके।