पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में रहते हुए एक और बड़ा झटका लगा है। उनका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर बनने का सपना अब पूरी तरह चकनाचूर हो गया है। इमरान खान, जो पहले इस प्रतिष्ठित पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे थे, अब इस रेस से बाहर हो चुके हैं। उनके खिलाफ गंभीर राजनीतिक और कानूनी मामलों के चलते उनकी उम्मीदवारी कमजोर पड़ गई। इस बीच, भारतीय मूल के तीन नाम इस पद की दौड़ में आगे आ चुके हैं।
इमरान खान का सपना टूटा
- ऑक्सफोर्ड के छात्र और प्रशासक थे समर्थक: इमरान खान की लोकप्रियता और उनके करिश्माई नेतृत्व के कारण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में उन्हें चांसलर पद का एक प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। उनकी पढ़ाई भी यहीं से हुई थी, और कई छात्र और प्रशासक उनका समर्थन कर रहे थे।
- जेल में बंद: वर्तमान में इमरान खान कई राजनीतिक मामलों के चलते जेल में बंद हैं। उन पर भ्रष्टाचार और अन्य कानूनी मामलों में गंभीर आरोप लगे हैं। इन कारणों से उनकी चांसलर बनने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
- उम्मीदवारी से बाहर: इमरान खान के जेल में होने और उन पर लगे गंभीर आरोपों के कारण उनकी उम्मीदवारी कमजोर हो गई है, और अब उन्हें इस दौड़ से बाहर माना जा रहा है।
भारतीय मूल के तीन उम्मीदवार आगे
- प्रतिस्पर्धा में भारतीय मूल के उम्मीदवार: ऑक्सफोर्ड चांसलर की दौड़ में अब भारतीय मूल के तीन प्रमुख नाम उभर कर सामने आए हैं। इन लोगों का शिक्षा, कूटनीति, और सामाजिक सेवा में मजबूत अनुभव है, जिससे वे इस पद के लिए मजबूत दावेदार बन गए हैं।
- प्रमुख नाम: भारतीय मूल के ये तीन उम्मीदवार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं और उन्होंने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनमें से किसी एक के चांसलर बनने की संभावना अब काफी बढ़ गई है।
चांसलर पद का महत्व
- ऑक्सफोर्ड चांसलर: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर पद एक सम्मानित और प्रतिष्ठित पद होता है। इस पद पर आसीन व्यक्ति यूनिवर्सिटी के सर्वोच्च अधिकारी के रूप में कार्य करता है और वैश्विक स्तर पर यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करता है।
- इमरान खान का लक्ष्य: इमरान खान ने अपने राजनीति के करियर में कई बार शिक्षा और युवाओं को सशक्त करने पर जोर दिया है, और ऑक्सफोर्ड चांसलर बनना उनके लिए एक और बड़ी उपलब्धि होती। हालांकि, उनकी कानूनी परेशानियों के कारण अब यह सपना अधूरा रह गया है।