हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है, और विशेष रूप से देव उठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) को बहुत मान्यता प्राप्त है। यह एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के शयनकाल के समाप्त होने और उनके जागरण का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन से धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि होती है और खासकर विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
Dev Uthani Ekadashi 2024 इस वर्ष 11 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन को लेकर खास धार्मिक महत्व है, और इसे लेकर श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। जानिए, देव उठनी एकादशी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से।
देव उठनी एकादशी 2024 की तिथि
देव उठनी एकादशी 11 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु के शयनकाल के समाप्त होने और उनके जागने का प्रतीक होता है। इस दिन से चारों पुराणों में वर्णित पूजा-पद्धतियों के अनुसार, धार्मिक कार्यों की शुरुआत होती है।
देव उठनी एकादशी की पूजा विधि
देव उठनी एकादशी के दिन विशेष पूजा का महत्व है। यह पूजा श्रद्धा और आस्था से की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
- स्नान और शुद्धता:
इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन करके स्नान करना आवश्यक होता है। इसके बाद पवित्र वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा शुरू करें। - व्रत का संकल्प:
इस दिन व्रत रखने का महत्व है। व्रति विशेष रूप से अन्न का त्याग करके केवल फलाहार या पानी का सेवन करते हैं। व्रत रखने के लिए संकल्प लेना जरूरी है, और व्रत का पालन करते हुए भगवान के नाम का जाप करें। - भगवान विष्णु की पूजा:
देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को शालिग्राम, तुलसी और दीपक के साथ पूजा करें। पूजा में विशेष रूप से तुलसी के पत्तों को भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ाना चाहिए, क्योंकि तुलसी का बहुत महत्व है। - ध्यान और मंत्र जाप:
पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। विशेष रूप से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ श्रीविष्णवे नमः” का जाप करें। - ध्यान और भजन:
इस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है। भगवान विष्णु के भजन गाकर श्रद्धालु इस दिन का पूण्य अर्जित करते हैं। - प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद भगवान का प्रसाद परिवार और पड़ोसियों के बीच बांटना चाहिए। यह पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है।
देव उठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 2024
- तिथि: 11 नवंबर 2024 (सोमवार)
- पुण्यकाल: 11 नवंबर, 2024 को सुबह 06:10 बजे से लेकर 12 नवंबर, 2024 को सुबह 06:09 बजे तक।
- उठान पूजा का शुभ मुहूर्त:
- द्वारपाल पूजा (स्नान का समय): 11 नवंबर 2024, सुबह 06:00 बजे से।
- व्रत और संकल्प: 11 नवंबर, 2024, सूर्योदय के बाद और द्वारपाल पूजा के बाद।
- पात्र पूजा का समय: दिनभर पूजा की जा सकती है, लेकिन संकल्प और पूजा का समय विशेष रूप से प्रातःकाल में श्रेष्ठ होता है।
देव उठनी एकादशी का महत्व
देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु के शयनकाल के समाप्त होने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से चारों प्रमुख शादी-ब्याह और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो सकते हैं।
इस दिन का व्रत करने से न केवल पुण्य मिलता है, बल्कि यह जीवन में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति का भी एक मार्ग माना जाता है। साथ ही, यह दिन विशेष रूप से भक्ति और समर्पण की भावना को बढ़ाता है।