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चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर 3 दिसंबर को सुनवाई

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गिरफ्तारी और आरोप

बांग्लादेश के हिंदू संत और इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर 2024 को ढाका के हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली के दौरान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया, जिसके कारण उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया।

जमानत याचिका पर सुनवाई

गिरफ्तारी के बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी और उन्हें जेल भेज दिया। अब उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 3 दिसंबर 2024 को होगी। यह मामला धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर काफी चर्चा में है।

गिरफ्तारी के बाद प्रतिक्रिया

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों के दौरान कई झड़पें हुईं और कई लोग घायल हुए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को लेकर इस मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस्कॉन का बयान

इस्कॉन ने स्पष्ट किया है कि चिन्मय कृष्ण दास को अनुशासनहीनता के चलते पहले ही उनके पदों से हटा दिया गया था। उनकी हाल की गतिविधियों का संस्था से कोई संबंध नहीं है।

आगे की संभावनाएं

इस मामले में 3 दिसंबर को होने वाली सुनवाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह न केवल चिन्मय कृष्ण दास की जमानत का निर्णय करेगी, बल्कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर भी एक बड़ा संदेश देगी।