Chhath Puja 2024: वोट बैंक की राजनीति! छठ घाट को लेकर AAP-बीजेपी में घमासान, जानिए दिल्ली में इतना विवाद क्यों?

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दिल्ली में छठ पूजा को लेकर इस साल आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच घमासान तेज हो गया है। छठ पूजा पर दिल्ली की यमुना नदी और अन्य घाटों पर व्यवस्थाओं को लेकर दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। छठ पूजा, विशेष रूप से पूर्वांचल समुदाय का प्रमुख पर्व है, और दिल्ली में इस समुदाय का बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में इस पर्व पर सुविधाएं देने और घाट तैयार करने को लेकर AAP और BJP, दोनों ही पार्टियाँ अपना-अपना श्रेय लेने की कोशिश में जुटी हैं।

दिल्ली में छठ पूजा: एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा

दिल्ली में पूर्वांचल समुदाय का बड़ा वोट बैंक है, जो बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आकर यहाँ बसे हैं। यह समुदाय छठ पूजा को बड़े श्रद्धा भाव से मनाता है, और यमुना घाट पर उनकी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहती है। पिछले कुछ वर्षों में छठ पूजा के लिए घाट तैयार करने और व्यवस्थाएँ बनाने को लेकर राजनीतिक दलों ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस साल AAP और BJP के बीच छठ पूजा की तैयारियों को लेकर राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।

AAP का आरोप: BJP कर रही है बाधा उत्पन्न

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने आरोप लगाया है कि BJP छठ पूजा के आयोजनों में रुकावट डाल रही है। AAP का कहना है कि दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगमों ने छठ पूजा के लिए घाट तैयार करने में सहयोग नहीं दिया और इसके बजाय वे मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।

AAP ने इस साल 1,000 से अधिक छठ घाट तैयार करने का वादा किया है और विशेष योजनाओं के तहत यमुना घाट पर जल को साफ करने का कार्य भी शुरू किया है। AAP नेताओं का कहना है कि पार्टी चाहती है कि पूर्वांचलियों के इस पर्व को बिना किसी रुकावट के मनाने दिया जाए, लेकिन भाजपा इसमें अवरोध पैदा कर रही है।

BJP का आरोप: AAP का दोहरा रवैया

वहीं, BJP का आरोप है कि AAP केवल पूर्वांचल समुदाय के वोट बैंक को लुभाने के लिए छठ पूजा पर राजनीति कर रही है। BJP नेताओं का कहना है कि AAP ने पिछले साल भी छठ पूजा के दौरान केवल दिखावटी घोषणाएँ की थीं, लेकिन असल में सुविधाओं की कमी रही। बीजेपी का कहना है कि AAP सरकार ने यमुना नदी को साफ करने और वहाँ सुविधाएं उपलब्ध कराने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उनका दावा है कि यदि यमुना के प्रदूषण पर काम किया गया होता, तो श्रद्धालुओं को इस पर्व में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

यमुना प्रदूषण: दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली में यमुना नदी का प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। इस बार भी यमुना के गंदे पानी को लेकर दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। AAP का कहना है कि यमुना नदी के प्रदूषण के लिए भाजपा के नियंत्रण वाली केंद्र सरकार जिम्मेदार है, जो कि केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से काम करती है। वहीं, BJP का आरोप है कि AAP ने दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाली जल परियोजनाओं पर काम नहीं किया, जिससे यमुना का पानी साफ नहीं हो सका।

श्रद्धालुओं के बीच बढ़ती असमंजस

इस राजनीतिक विवाद का सीधा असर छठ पूजा मनाने वाले श्रद्धालुओं पर पड़ रहा है। छठ पूजा के दौरान यमुना के घाटों पर साफ पानी, सुरक्षा, और सुविधाओं की उम्मीद में आने वाले लोग इस असमंजस में हैं कि आखिर इस बार उन्हें कैसी व्यवस्थाएँ मिलेंगी।