छठ पूजा का महापर्व कल से शुरू होने जा रहा है। पूर्वांचल और बिहार में विशेष धूमधाम से मनाए जाने वाले इस पर्व का महत्व पूरे देश में है। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में श्रद्धालु सूर्य देव की उपासना करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कठिन व्रत रखते हैं। छठ पूजा का आरंभ नहाय-खाय से होता है और इसके बाद खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के साथ यह पर्व संपन्न होता है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मईया की पूजा-अर्चना का पर्व है, जो मुख्य रूप से पूर्वांचल और बिहार के लोगों में बेहद आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व शुद्धता, सच्चाई और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है, जिसमें व्रतधारी निर्जला उपवास रखते हैं और घाटों पर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
चार दिन का पर्व: जानें हर दिन की विधि
- पहला दिन – नहाय-खाय (6 नवंबर)
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है। व्रतधारी इस दिन पवित्र नदियों या जलाशयों में स्नान करते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन कद्दू-भात (कद्दू के साथ चावल और चने की दाल) का प्रसाद बनता है। इस दिन व्रतधारी अपने मन और शरीर को शुद्ध कर अगले तीन दिनों के व्रत के लिए तैयार होते हैं। - दूसरा दिन – खरना (7 नवंबर)
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस दिन व्रतधारी पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर, रोटी और फल का प्रसाद तैयार किया जाता है। खरना का प्रसाद खाने के बाद व्रतधारी अगले 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखते हैं। - तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (8 नवंबर)
तीसरे दिन श्रद्धालु डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। व्रतधारी अपने घरों से घाटों पर प्रसाद लेकर जाते हैं और डूबते सूर्य को जल, दूध और फल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह दृश्य अत्यंत भव्य और सुंदर होता है, जिसमें पूरी आस्था के साथ महिलाएं सूर्य देव की पूजा करती हैं। - चौथा दिन – उषा अर्घ्य (9 नवंबर)
अंतिम दिन व्रतधारी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। घाटों पर सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का समापन किया जाता है। इसके साथ ही परिवार और रिश्तेदारों को प्रसाद बांटकर इस महापर्व को समापन किया जाता है।
छठ पूजा की तैयारियां
इस वर्ष भी छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। विभिन्न शहरों में घाटों की सफाई, सजावट और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली, मुंबई, पटना, और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में छठ घाटों पर विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि भक्तों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
छठ पूजा का यह पर्व आस्था, समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक है। इस अवसर पर हर ओर धार्मिक भावना और श्रद्धा का माहौल होता है, और लोग मिलजुल कर इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।