इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से एक कठोर संदेश दिया, जिसमें उन्होंने लेबनान को चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्राइल किसी भी हाल में अपने हमलों को रोकने के लिए तैयार नहीं है और देश की सुरक्षा के लिए किसी भी कदम उठाने से नहीं चूकेंगे।
नेतन्याहू के बयान का प्रमुख बिंदु
- लेबनान पर सीधा हमला: नेतन्याहू ने कहा, “लेबनान को यह समझ लेना चाहिए कि हम अपने खिलाफ किसी भी आक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात की।
- आत्मरक्षा का अधिकार: नेतन्याहू ने इस्राइल के आत्मरक्षा के अधिकार को रेखांकित करते हुए कहा कि इस्राइल को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने का पूरा हक है।
प्रतिक्रिया और प्रभाव
- विपक्ष की आलोचना: नेतन्याहू के इस बयान पर कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं और मानवाधिकार संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस प्रकार के बयान केवल तनाव को बढ़ाएंगे।
- क्षेत्रीय स्थिति: इस बयान ने मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। लेबनान और हिजबुल्लाह ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में युद्ध की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।