बांग्लादेश में ISKCON के सचिव चिन्मय दास ब्रह्मचारी: राष्ट्रद्रोह का आरोप

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बांग्लादेश में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) के सचिव चिन्मय दास ब्रह्मचारी को हाल ही में राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद उनके समर्थकों में चिंता और आक्रोश फैल गया है। यह मामला बांग्लादेश में धार्मिक ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठ रहा है।

आरोपों का विवरण

चिन्मय दास ब्रह्मचारी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एक टिप्पणी में बांग्लादेश के इतिहास और उसके धार्मिक समन्वय पर आपत्तिजनक बातें की हैं। पुलिस के अनुसार, उनकी टिप्पणियों ने कुछ कट्टरपंथियों को उत्तेजित किया और इससे सामाजिक तनाव बढ़ा।

गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि

चिन्मय दास की गिरफ्तारी तब हुई जब कुछ स्थानीय संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इन संगठनों का कहना है कि उनकी टिप्पणियों से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैल रही है। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ISKCON की प्रतिक्रिया

इस्कॉन ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भेदभाव के रूप में देखा है। इस्कॉन के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी संस्था हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हम उम्मीद करते हैं कि चिन्मय दास को न्याय मिलेगा।”

बांग्लादेश की स्थिति

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते हमलों और धार्मिक असहिष्णुता की घटनाओं की खबरें आई हैं। ऐसे में, इस मामले ने और भी चिंताओं को जन्म दिया है। मानवाधिकार संगठनों ने भी बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि वे धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दें और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।