Arvind Kejriwal: केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मुख्यमंत्री के बंगले के पुनर्निर्माण में कथित अनियमितताओं पर सीपीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट मांगी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के पुनर्निर्माण में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। यह दावा भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को किया।
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के बंगले के पुनर्निर्माण में वित्तीय गड़बड़ियां और अनियमितताएं हुई हैं, जिनकी जांच अब CVC द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि यह पता चल सके कि क्या मुख्यमंत्री के बंगले के पुनर्निर्माण में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है या नहीं।
1. मुख्यमंत्री के बंगले का पुनर्निर्माण विवाद
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला, जिसका पुनर्निर्माण किया गया है, अत्यधिक खर्चीला था और इस पुनर्निर्माण में कथित रूप से अनावश्यक खर्च किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्माण कार्य में पारदर्शिता की कमी रही और इसे एक बड़े पैमाने पर घोटाला माना जा सकता है। गुप्ता ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
2. सीपीडब्ल्यूडी को रिपोर्ट की आवश्यकता
गुप्ता के आरोपों के बाद, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीपीडब्ल्यूडी से इस निर्माण परियोजना से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों की जांच रिपोर्ट मांगी है। CVC अब यह सुनिश्चित करेगा कि इस परियोजना में हुए खर्चे, और निर्माण कार्य की प्रक्रिया पूरी तरह से सही और कानूनी तरीके से की गई है या नहीं।
3. अरविंद केजरीवाल का बचाव
इस विवाद पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उनके बंगले के पुनर्निर्माण पर जो खर्च हुआ, वह सभी नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार था। उन्होंने इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहा है।
4. राजनीतिक प्रतिक्रिया
दिल्ली में विपक्षी पार्टियां, खासकर भाजपा, इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ आक्रामक हो गई हैं। भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि केजरीवाल ईमानदार हैं, तो उन्हें इस मामले में पूरी पारदर्शिता से जवाब देना चाहिए। वहीं, आप पार्टी ने इसे भाजपा की ओर से की जा रही राजनीति का हिस्सा करार दिया है।
5. केंद्रीय सतर्कता आयोग की भूमिका
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सीवीसी के पास इस मामले में जांच करने का अधिकार है और वह यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार की स्थिति में कार्रवाई की जाए। अगर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो आयोग संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है।