आंवला नवमी 2024: 10 नवंबर को मनेगी आंवला नवमी, रवि और शिव वास योग में मिलेगा विशेष फल, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत और पूजा विधि
आंवला नवमी इस वर्ष 10 नवंबर, 2024 को विशेष योगों के साथ मनाई जाएगी। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है, और इस वर्ष रवि और शिव वास योग का संयोग इसे और भी फलदायी बना रहा है। आंवला नवमी को “अक्षय नवमी” के नाम से भी जाना जाता है, और इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त
- तिथि प्रारंभ: 9 नवंबर, 2024 को रात्रि 8:35 बजे से
- तिथि समाप्त: 10 नवंबर, 2024 को रात्रि 10:22 बजे तक
- पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से 11:45 बजे तक (स्थानीय समय के अनुसार)
आंवला नवमी व्रत का महत्व
आंवला नवमी का व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की खुशहाली और दीर्घायु के लिए रखा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना करने और भोजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत संतान प्राप्ति और उनके दीर्घायु की कामना के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है।
आंवला नवमी की पूजा विधि
- आंवले के पेड़ की पूजा: इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे स्वच्छ स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पूजा की शुरुआत करती हैं।
- व्रत और स्नान: पूजा से पहले व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पवित्र मन से पूजा की तैयारी करें।
- आंवले के पेड़ का पूजन: पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, और धूप, रोली, अक्षत, फूल, जल, कच्चा दूध, और प्रसाद चढ़ाएं। कुछ महिलाएं पेड़ की परिक्रमा भी करती हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- भोजन और प्रसाद ग्रहण: इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने का भी विशेष महत्व है। इसलिए पूजा के बाद परिवार के सदस्य आंवले के पेड़ के नीचे ही भोजन करते हैं। साथ ही, कुछ लोग पेड़ के नीचे आंवले का फल प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
- कथा का श्रवण: व्रत के दौरान आंवला नवमी की कथा का श्रवण करना शुभ माना जाता है। इससे व्रती को व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
रवि और शिव वास योग का महत्व
इस वर्ष आंवला नवमी के दिन रवि और शिव वास योग का विशेष संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार, रवि योग में सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे स्वास्थ्य और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं शिव वास योग में भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में शांति और मानसिक संतुलन मिलता है। इन योगों के प्रभाव से आंवला नवमी पर पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
आंवला नवमी से जुड़े धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ
- धार्मिक लाभ: इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से न केवल परिवार की सुख-समृद्धि बढ़ती है, बल्कि इसे संतान प्राप्ति के लिए भी शुभ माना गया है।
- स्वास्थ्य लाभ: आंवला आयुर्वेदिक दृष्टि से स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। आंवला नवमी पर इसका सेवन विशेष लाभकारी माना गया है।