अमेरिका में रोजगार मांग रहे NRI: ट्रंप-हैरिस के लिए मुसीबत बन सकता है सर्वे का खुलासा

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अमेरिका में रोजगार की तलाश कर रहे भारतीय मूल के नागरिक (NRI) की संख्या में इजाफा हुआ है। इस सर्वेक्षण के नतीजे न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को दर्शाते हैं, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के लिए भी राजनीतिक चुनौतियाँ पेश कर सकते हैं।

सर्वे के मुख्य निष्कर्ष

सर्वे के अनुसार, भारत से अमेरिका आए NRI अब रोजगार की तलाश में संघर्ष कर रहे हैं। लगभग 70% प्रतिभागियों ने कहा कि वे अपने करियर में स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। इस सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि पिछले कुछ वर्षों में बेरोजगारी दर बढ़ी है, जिसके चलते भारतीय मूल के नागरिकों की उम्मीदें भी प्रभावित हुई हैं।

ट्रंप और हैरिस के लिए संभावित राजनीतिक दुष्प्रभाव

इस सर्वेक्षण के परिणाम ट्रंप और हैरिस दोनों के लिए राजनीतिक चुनौती बन सकते हैं। अगर NRI समुदाय की आर्थिक स्थिति और रोजगार के अवसरों में सुधार नहीं होता है, तो इसका नकारात्मक असर दोनों नेताओं की छवि पर पड़ सकता है। विशेष रूप से, ट्रंप का आर्थिक नीतियों पर जोर और हैरिस का प्रवासी अधिकारों का समर्थन इस मामले में महत्वपूर्ण हो सकता है।

NRI समुदाय की प्रतिक्रिया

NRI समुदाय ने सर्वे के परिणामों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अमेरिका में रोजगार के अवसरों की कमी के लिए नीतिगत बदलावों की मांग की है। कई लोगों ने यह भी कहा है कि उन्हें रोजगार की तलाश में आने वाली कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और अधिक कमजोर हो गई है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की दिशा

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह सर्वेक्षण ट्रंप और हैरिस दोनों के लिए एक चेतावनी है। अगर वे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के मुद्दों पर ध्यान नहीं देते हैं, तो इससे आगामी चुनावों में उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है।