मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में भारत का दौरा किया और अब देश लौटने पर उन्होंने भारत के साथ संबंधों को लेकर अहम बयान दिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने इस दौरे को “सफल और महत्वपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और संबंधों को और मजबूत करेगी।
भारत-मालदीव संबंधों पर जोर
मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, “भारत हमारे लिए हमेशा से एक अहम पड़ोसी रहा है। हमारी सरकार आपसी विश्वास और साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के साथ हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत गहरे हैं, और हम इन्हें और आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।”
क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास पर चर्चा
मुइज्जू ने यह भी बताया कि भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भारतीय अधिकारियों के साथ उनकी गहन चर्चा हुई, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, समुद्री सहयोग और आर्थिक साझेदारी पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा, “मालदीव के विकास के लिए भारत के साथ हमारा सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। हम विभिन्न क्षेत्रों में भारत के अनुभवों से लाभ उठाना चाहते हैं।”
‘इंडिया फर्स्ट’ पॉलिसी पर विचार
हालांकि मुइज्जू की पार्टी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ‘इंडिया फर्स्ट’ पॉलिसी की कुछ आलोचना की थी, लेकिन अब राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने इस नीति पर दोबारा विचार करने का संकेत दिया। उन्होंने कहा, “हम अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए, भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के पक्षधर हैं।”
मालदीव लौटने के बाद का संदेश
मालदीव लौटने के बाद मुइज्जू ने मालदीव की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार एक संतुलित और स्थिर विदेश नीति के जरिए देश की सुरक्षा और विकास को प्राथमिकता देगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
राष्ट्रपति मुइज्जू का यह बयान भारत और मालदीव के संबंधों में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, और दोनों देशों के बीच भविष्य में और अधिक सहयोग की उम्मीद जताई जा रही है।