साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अब एक नया और चिंताजनक ट्रेंड सामने आया है। साइबर अपराधी अब लोगों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बना रहे हैं। हाल ही में सामने आई कॉल रिकॉर्डिंग से यह खुलासा हुआ है कि ठग अलग-अलग धर्मों के आधार पर ठगी की रणनीति अपना रहे हैं। साइबर सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस विभाग के लिए यह एक गंभीर मामला बन गया है, क्योंकि इसमें लोगों की धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कैसे हो रही है धर्म के आधार पर ठगी?
ठगों की नई रणनीति के तहत, वे सबसे पहले फोन पर व्यक्ति के धर्म की जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद, उसी धर्म से जुड़े मुद्दों, धार्मिक प्रतीकों या भावनात्मक अपील के जरिए लोगों को फंसाते हैं। कभी-कभी ये ठग धार्मिक चंदे के नाम पर या किसी धार्मिक आयोजन के लिए दान की मांग करते हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में वे धार्मिक संकट या किसी धार्मिक यात्रा के दौरान मदद का झूठा बहाना बनाकर लोगों से पैसा ऐंठ रहे हैं।
कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा:
हाल ही में पुलिस के हाथ लगे कुछ कॉल रिकॉर्डिंग से इस नए ट्रेंड का खुलासा हुआ है। इन रिकॉर्डिंग में साफ सुना जा सकता है कि ठग पहले व्यक्ति से उसकी धार्मिक पहचान की जानकारी लेते हैं और फिर उसी के आधार पर बातचीत को आगे बढ़ाते हैं। एक मामले में, ठग ने खुद को एक धार्मिक संगठन का सदस्य बताकर हिंदू धर्म के अनुयायी से चंदे की मांग की। वहीं एक अन्य रिकॉर्डिंग में मुस्लिम व्यक्ति को धार्मिक यात्रा के लिए मदद का झांसा देकर ठगा गया।
साइबर एक्सपर्ट्स की चेतावनी:
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रेंड बेहद खतरनाक है, क्योंकि ठग अब लोगों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर उनकी भावनाओं को निशाना बना रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर धार्मिक या आर्थिक जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें।
पुलिस की कार्रवाई:
इस नए प्रकार की साइबर ठगी को लेकर पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है। साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि कई राज्यों में इस तरह की शिकायतें दर्ज की जा रही हैं और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने लोगों को सजग रहने की सलाह दी है और कहा है कि वे किसी भी धर्म के नाम पर आने वाली संदिग्ध कॉल्स पर विश्वास न करें। पुलिस जल्द ही इस गैंग का पर्दाफाश करने के लिए विशेष अभियान चला रही है।
क्या कहते हैं साइबर कानून?
साइबर ठगी के मामलों में धर्म को आधार बनाकर ठगी करना कानूनन अपराध है और दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर किसी से ठगी करना आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत गंभीर अपराध माना जाता है। साइबर अपराध के मामलों में दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें जेल की सजा और आर्थिक जुर्माना शामिल है।
बचने के उपाय:
- किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर धार्मिक या आर्थिक जानकारी साझा न करें।
- धार्मिक संगठन या चंदे की मांग करने वाली संस्थाओं की वैधता पहले जांचें।
- ऑनलाइन भुगतान या किसी प्रकार का दान करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- संदिग्ध कॉल्स को तुरंत पुलिस या साइबर सेल में रिपोर्ट करें।
- साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाएं।