आरती कश्यप
प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ पर संबोधन, विपक्ष का हंगामा
प्रयागराज/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर एक विशेष संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने इसे भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का भव्य प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि “एकता, आस्था और भारतीय संस्कृति की विराट झलक” है। इस संबोधन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का भी जिक्र किया, जो महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद कर रही हैं।
हालांकि, पीएम मोदी के इस संबोधन को लेकर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया और इसे आगामी चुनावों से जोड़ते हुए राजनीतिक स्टंट बताया।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार ने कई नई योजनाएँ लागू की हैं, जिनमें बुनियादी ढांचे के विकास, यातायात प्रबंधन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा,
“महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हम इसे दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक आयोजन बनाएंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छ गंगा अभियान और डिजिटल सुविधा बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ लागू कर रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
विपक्ष का हंगामा और आरोप
प्रधानमंत्री के इस संबोधन के तुरंत बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह आयोजन धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास है।
- कांग्रेस ने कहा कि “महाकुंभ श्रद्धालुओं की आस्था का विषय है, लेकिन भाजपा इसे चुनावी मंच के रूप में इस्तेमाल कर रही है।”
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा कि केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, बजाय धार्मिक आयोजनों को प्रचार माध्यम बनाने के।
- तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी पीएम मोदी के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार धर्म और राजनीति को मिलाकर चुनावी फायदा लेने की कोशिश कर रही है।
सरकार की सफाई
भाजपा नेताओं और केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महाकुंभ का आयोजन देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और इसे राजनीति से जोड़ना अनुचित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “विपक्ष हर बात में राजनीति ढूंढता है। सरकार सिर्फ यह सुनिश्चित कर रही है कि यह आयोजन सुचारू और भव्य तरीके से संपन्न हो।”
महाकुंभ 2025: अब तक की तैयारी
- 7000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट महाकुंभ के लिए निर्धारित किया गया है।
- यातायात और परिवहन को बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज में नई सड़कें और पुल बनाए जा रहे हैं।
- स्वच्छ गंगा अभियान के तहत गंगा और संगम क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने का कार्य जारी है।
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाई-टेक निगरानी और AI-आधारित ट्रैफिक सिस्टम लागू किया जा रहा है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव तेज हो गया है। एक ओर जहां सरकार इसे आस्था और विरासत से जोड़कर भव्य बनाने का दावा कर रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित कदम बता रहा है। हालांकि, इस विवाद के बावजूद यह स्पष्ट है कि महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक रहेगा और दुनिया भर के करोड़ों श्रद्धालु इसमें भाग लेंगे।
🚩 “महाकुंभ – आस्था का संगम या राजनीतिक अखाड़ा?” यह सवाल फिलहाल बहस का केंद्र बना हुआ है।