अमेरिका में ट्रंप के 7 दिनों की शुरुआत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले सात दिनों में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनका प्रभाव न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया पर देखा जा रहा है। इन फैसलों में अप्रवासन, टैक्स, ट्रांसजेंडर अधिकार और युद्ध से जुड़े आदेश शामिल रहे। हालांकि, दो महत्वपूर्ण मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर ट्रंप ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है—चीन और रूस-यूक्रेन युद्ध।
चीन पर अब तक चुप्पी क्यों?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान चीन पर भारी टैरिफ लगाने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि चीन से आने वाले सामान पर 60% तक टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम चीन को अमेरिकी बाजार में सामान बेचने में मुश्किलें खड़ी कर सकता था।
लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने चीन को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। उन्होंने सैकड़ों कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन चीन के मसले पर चुप्पी साध रखी है। यह सवाल उठता है कि क्या चीन ट्रंप के एजेंडे में प्राथमिकता नहीं है, या इसके पीछे कोई रणनीतिक सोच है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का रुख
ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि यह युद्ध खत्म करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
दुनिया की नजर इस बात पर टिकी है कि अमेरिका इस युद्ध में क्या भूमिका निभाएगा। अगर ट्रंप अमेरिका को इस युद्ध से अलग कर लेते हैं, तो इससे यूक्रेन को भारी नुकसान हो सकता है। यूरोपीय यूनियन पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि अगर अमेरिका पीछे हटता है, तो वह रूस का समर्थन कर सकता है। यह स्थिति अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
ट्रंप की रणनीति क्या है?
चीन और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे बड़े मुद्दों पर ट्रंप की चुप्पी उनके विरोधियों को सवाल उठाने का मौका दे रही है। हालांकि, यह भी संभव है कि ट्रंप इन मुद्दों को लेकर कोई दीर्घकालिक रणनीति बना रहे हों।
उनकी प्राथमिकता फिलहाल अमेरिका के आंतरिक मामलों, जैसे टैक्स सुधार और नागरिकता संबंधी मुद्दों पर दिख रही है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन और रूस जैसे मसलों को अनदेखा करना अमेरिका की दीर्घकालिक रणनीति पर सवाल खड़े करता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के पहले सात दिन नीतियों और फैसलों के लिहाज से बेहद सक्रिय रहे हैं। हालांकि, चीन और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी चुप्पी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आने वाले समय में ट्रंप की रणनीति क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।