ट्रंप का दूसरा शपथ ग्रहण: ऐतिहासिक पल, समर्थक निराश, विरोधी गुस्से में
ट्रंप का दूसरा शपथ ग्रहण: ऐतिहासिक क्षण
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार शपथ ली। यह क्षण अमेरिकी राजनीति के इतिहास में अनोखा है। ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में संसद भवन के अंदर मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के सामने शपथ ग्रहण की। उनके दोबारा राष्ट्रपति बनने से न केवल अमेरिका, बल्कि दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
ट्रंप ने बनाया इतिहास
ट्रंप अमेरिका के ऐसे दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने व्हाइट हाउस छोड़ने के चार साल बाद सत्ता में वापसी की है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ग्रोवर क्लीवलैंड के नाम था।
बंद हॉल में हुआ शपथ समारोह
इस बार का शपथ ग्रहण समारोह खुले आसमान के बजाय संसद भवन के अंदर आयोजित किया गया। यह बदलाव खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण किया गया।
पहली बार विदेशी मेहमान हुए शामिल
ट्रंप के शपथ ग्रहण को खास बनाने के लिए कई देशों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए। भारत से विदेश मंत्री एस जयशंकर, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली जैसे कई गणमान्य इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बने।
विरोधियों के प्रदर्शन और समर्थकों की निराशा
ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ही वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर विरोधियों का प्रदर्शन शुरू हो गया था। उनकी नीतियों से नाराज लोग संसद भवन के आसपास इकट्ठा हुए। वहीं, ट्रंप समर्थक इस बात से निराश नजर आए कि शपथ समारोह हॉल के अंदर किया गया, जिससे वे इस ऐतिहासिक पल का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं बन सके।
प्रमुख उद्योगपति भी बने हिस्सा
शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के कई अरबपति और उद्योगपति भी शामिल हुए। भारत से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी, अमेज़न के जेफ बेजोस और मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग जैसे बड़े नाम कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुंचे।
ट्रंप की वापसी: समर्थकों के लिए नई उम्मीद
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी उनके समर्थकों के लिए उम्मीद और भरोसे का संकेत है। ट्रंप ने अपने संबोधन में अमेरिका को मजबूत बनाने और नई ऊंचाइयों पर ले जाने की बात कही।