राष्ट्रपति यूं सुक योल की गिरफ्तारी पर समर्थकों का हंगामा, देश में मचा बवाल
राष्ट्रपति यूं सुक योल की गिरफ्तारी पर देशभर में बवाल
दक्षिण कोरिया के महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यूं सुक योल को लेकर देश में भारी राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। शुक्रवार को अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की योजना बनाई, जिसके लिए 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। लेकिन जब अधिकारियों ने राष्ट्रपति हाउस पर कार्रवाई शुरू की, तो समर्थकों और सुरक्षा बलों के विरोध ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव
जब गिरफ्तारी के लिए अधिकारी राष्ट्रपति निवास पहुंचे, तो सैकड़ों समर्थक पहले से ही वहां मौजूद थे। समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए कहा, “हम अपनी जान देकर भी राष्ट्रपति की रक्षा करेंगे।” सुरक्षा बलों ने अधिकारियों को निवास के अंदर जाने नहीं दिया। इस घटनाक्रम ने पूरे देश में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
राष्ट्रपति ने दिया समर्थकों को संदेश
गिरफ्तारी से पहले राष्ट्रपति यूं सुक योल ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “हम देशविरोधी ताकतों के खिलाफ अंत तक लड़ाई लड़ेंगे।” उन्होंने अपने बयान में जोर दिया कि यह लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए है।
राष्ट्रपति के खिलाफ वारंट क्यों जारी हुआ?
राष्ट्रपति यूं सुक योल ने 3 दिसंबर को अचानक ‘मार्शल लॉ’ लागू कर दिया था, जिसने देश में व्यापक विरोध को जन्म दिया। इस अल्पकालिक फैसले ने राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग की मांग शुरू कर दी। इसके बाद, कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
गिरफ्तारी की कोशिश क्यों हुई विफल?
जब अधिकारी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने पहुंचे, तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ियों को घेर लिया। समर्थकों और अधिकारियों के बीच तीखी झड़प हुई, लेकिन अंततः अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। राष्ट्रपति समर्थकों के विरोध और सरकारी अधिकारियों की कार्रवाई के बीच तनाव चरम पर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद कैसे सुलझता है।
दक्षिण कोरिया में इस तरह की घटनाएं अभूतपूर्व हैं। यह मामला देश की राजनीति और शासन प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। क्या राष्ट्रपति यूं सुक योल को गिरफ्तार किया जाएगा, या यह मामला किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की शुरुआत करेगा? आने वाले दिनों में इन सवालों के जवाब सामने आएंगे।