क्रिसमस पर सांता क्लॉज बने Zomato डिलीवरी बॉय से सड़क पर ड्रेस उतरवाई, हिंदू संगठन का विरोध
क्रिसमस डे पर Zomato डिलीवरी बॉय बना सांता क्लॉज
इंदौर में क्रिसमस डे के मौके पर एक Zomato डिलीवरी बॉय सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर डिलीवरी कर रहा था। इस पहल का उद्देश्य क्रिसमस के जश्न में ग्राहकों को खुश करना था, लेकिन यह मामला विवाद का कारण बन गया।
हिंदू संगठन ने जताई आपत्ति
स्थानीय हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए डिलीवरी बॉय को बीच सड़क पर रोक लिया। संगठन का कहना था कि सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर डिलीवरी करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। उन्होंने डिलीवरी बॉय से सांता क्लॉज की ड्रेस तुरंत उतरवाने की मांग की।
सड़क पर हुआ हंगामा
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने डिलीवरी बॉय को घेर लिया और ड्रेस उतरवाने पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने से हिंदू संस्कृति के खिलाफ संदेश जाता है।
डिलीवरी बॉय ने क्या कहा?
डिलीवरी बॉय का कहना था कि वह Zomato की तरफ से क्रिसमस के खास मौके पर ग्राहकों को खुश करने के लिए सांता क्लॉज की ड्रेस पहन रहा था। उसका मकसद केवल खुशी बांटना था और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।
पुलिस का हस्तक्षेप
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची और विवाद को शांत किया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की और डिलीवरी बॉय को सुरक्षित वहां से निकाल दिया।
Zomato की प्रतिक्रिया
Zomato ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी मंशा सांस्कृतिक उत्सवों का सम्मान करना है। सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने का निर्णय ग्राहकों को खुश करने का एक प्रयास था और इसमें किसी भी प्रकार का धार्मिक अनादर करने का इरादा नहीं था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। कुछ लोग हिंदू संगठन के कदम की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ संगठन के समर्थन में नजर आ रहे हैं। घटना ने धार्मिक सहिष्णुता पर बहस को और गहरा कर दिया है।
निष्कर्ष
इंदौर की इस घटना ने धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक उत्सवों के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत को उजागर किया है। Zomato की इस पहल को जहां एक तरफ सराहा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसने विवाद को जन्म दिया है। यह घटना समाज में संवाद और समझदारी की अहमियत को रेखांकित करती है।