सोमवती अमावस्या 2024: कब है शुभ तिथि? जानें स्नान, दान और पूजन विधि
सोमवती अमावस्या 2024: कब और क्यों है खास?
साल 2024 में सोमवती अमावस्या को लेकर काफी उत्सुकता है। यह दिन हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन स्नान, दान और पूजा करने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ती है।
तिथि और समय: 30 या 31 दिसंबर?
2024 में सोमवती अमावस्या की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
- पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 30 दिसंबर 2024 की रात से प्रारंभ होकर 31 दिसंबर 2024 की शाम तक रहेगी।
- पूजा और स्नान के लिए शुभ समय 31 दिसंबर की सुबह रहेगा।
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर सुबह 10:00 बजे तक रहेगा। इस समय पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। यदि नदी पर जाना संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिले पानी से स्नान करके पूजा करें।
पूजन विधि: क्या करें और क्या न करें
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा विधि इस प्रकार है:
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
- पीपल के वृक्ष की पूजा करें और उसकी 108 परिक्रमा करें।
- शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाएं।
- घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करें।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें।
क्या न करें:
- इस दिन कटु वचन बोलने से बचें।
- तामसिक भोजन और किसी का अपमान करने से बचें।
- शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना शुभ होता है।
सोमवती अमावस्या का धार्मिक महत्व
सोमवती अमावस्या का ज्योतिष और धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान और पूजा सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है।
- पौराणिक कथा: ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों को तृप्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- ज्योतिषीय प्रभाव: सोमवती अमावस्या पर ग्रहों की स्थिति विशेष होती है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम समय माना जाता है।
निष्कर्ष: पुण्य कमाने का अवसर
सोमवती अमावस्या 2024 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन स्नान, दान और पूजा विधि का पालन करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। सही तिथि और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।