‘मैं बदलूंगा बिहार’: भारत मंडपम में गूंजा बिहार के बदलाव का संदेश
भारत मंडपम में गूंजा ‘मैं बदलूंगा बिहार’ का नारा
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित बिहार 2047 विजन कॉन्क्लेव सीजन-2 में ‘मैं बदलूंगा बिहार’ का नारा गूंजा। इस आयोजन में बिहार के विकास और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। आयोजन का उद्देश्य था बिहार को अगले 25 वर्षों में विकास के नए आयाम तक पहुंचाना।
IPS विकास वैभव ने दिया नया नारा
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, IPS अधिकारी विकास वैभव ने ‘मैं बदलूंगा बिहार’ का नारा देते हुए अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती पर असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें सही दिशा में काम करके साकार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “बिहार में बदलाव की जरूरत है, और यह बदलाव सिर्फ सोचने से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों से आएगा। हमें मिलकर काम करना होगा और बिहार को नए आयाम तक ले जाना होगा।”
आयोजन की मुख्य झलकियां
इस कॉन्क्लेव में बिहार के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे को सुधारने की योजनाओं पर चर्चा हुई।
- शिक्षा: बिहार के स्कूल और कॉलेजों को डिजिटल सुविधाओं से लैस करने पर जोर दिया गया।
- स्वास्थ्य: ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया।
- रोजगार: युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप के लिए प्रेरित करने की योजनाएं पेश की गईं।
- बुनियादी ढांचा: सड़कों, पुलों और बिजली की बेहतर व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बिहार 2047: विकास का नया विजन
बिहार 2047 विजन का उद्देश्य है कि अगले 25 वर्षों में राज्य को गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा से मुक्त किया जाए। इस विजन में आत्मनिर्भरता, नवाचार और सतत विकास पर फोकस किया गया है।
IPS विकास वैभव ने कहा कि हमें अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए आधुनिकता को अपनाना होगा। उन्होंने युवाओं को बदलाव के लिए प्रेरित किया और कहा कि युवा ही बिहार के विकास के स्तंभ हैं।
विशेषज्ञों और समाज के विचार
कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों और समाजसेवियों ने भी अपने विचार रखे।
- शिक्षाविद् अंशुला सिंह ने कहा, “शिक्षा का स्तर सुधारने के बिना बिहार का विकास अधूरा रहेगा।”
- सामाजिक कार्यकर्ता राजेश यादव ने सुझाव दिया कि सरकार और जनता को मिलकर योजनाओं को लागू करना होगा।
निष्कर्ष: बिहार के बदलाव की ओर पहला कदम
बिहार 2047 विजन कॉन्क्लेव सीजन-2 ने बदलाव की नींव रखी है। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार के पास विकास की असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए जरूरत है ठोस योजनाओं और सामूहिक प्रयासों की।
‘मैं बदलूंगा बिहार’ का यह नारा हर बिहारवासी के दिल में उम्मीद और विश्वास जगाता है। अब देखना होगा कि इस विजन को हकीकत में बदलने के लिए किस तरह से कदम उठाए जाते हैं।