दिल्ली में ऑफिस 50% क्षमता पर, सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव पर विचार

दिल्ली में ऑफिस 50% क्षमता पर, सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव पर विचार
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दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता संकट

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। इसके चलते आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।

ऑफिस को 50% क्षमता पर चलाने की सलाह

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए निजी और सरकारी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने की सलाह दी गई है। इससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम होगी और प्रदूषण में कमी आएगी।

  • निजी कार्यालय: कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का विकल्प दिया जा सकता है।
  • सरकारी कार्यालय: कार्यालयों के समय में बदलाव पर विचार किया जा रहा है, ताकि यातायात का दबाव कम किया जा सके।

GRAP के तहत लागू किए गए नए नियम

GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के विभिन्न चरणों के तहत कई कड़े नियम लागू किए गए हैं:

  1. वाहन प्रतिबंध: गैर-सीएनजी और डीजल वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध।
  2. निर्माण गतिविधियां: निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़ी गतिविधियों पर रोक।
  3. जनता के लिए सलाह: प्रदूषण स्तर अधिक होने पर बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने की सलाह।

सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव

CAQM और दिल्ली सरकार सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव पर विचार कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है:

  1. यातायात का दबाव कम करना: सुबह और शाम के समय कार्यालयों की अलग-अलग शिफ्ट शुरू करने की योजना।
  2. दफ्तर आने-जाने वालों की संख्या कम करना: कर्मचारी कारपूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करें।

वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदम

  • एंटी-स्मॉग गन का उपयोग: निर्माण स्थलों पर प्रदूषण रोकने के लिए।
  • ग्रीन वार रूम: प्रदूषण पर निगरानी के लिए।
  • सड़क धुलाई: सड़कों पर पानी का छिड़काव।

जनता को दी गई सलाह

दिल्ली की जनता से अनुरोध किया गया है कि वे प्रदूषण स्तर को कम करने में सहयोग करें:

  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
  • निजी वाहन साझा करें।
  • लकड़ी या कोयला जलाने से बचें।

दिल्ली में प्रदूषण पर क्या है भविष्य की राह?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन उपायों का सख्ती से पालन किया जाए, तो वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए जनभागीदारी और सरकार के प्रयासों का सही संतुलन जरूरी है।