लोकसभा में डिजिटल पेन से साइन: शीतकालीन सत्र में नई व्यवस्था क्यों लागू हुई?
संसद को कागज रहित बनाने की पहल, सांसद अब डिजिटल पेन से करेंगे उपस्थिति दर्ज
आज से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा सदस्यों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है। इस बार, लोकसभा सदस्यों को ‘डिजिटल पेन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक टैब’ के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प दिया गया है। यह कदम संसद को कागज रहित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
क्या है डिजिटल पेन से साइन करने की प्रक्रिया?
लोकसभा कक्ष की लॉबी में चार काउंटर पर ‘इलेक्ट्रॉनिक टैब’ लगाए गए हैं। सांसदों को सबसे पहले टैब पर ‘ड्रॉप डाउन मेन्यू’ से अपना नाम चुनना होगा। इसके बाद, डिजिटल पेन का उपयोग करके हस्ताक्षर करने होंगे और उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ‘सबमिट’ बटन दबाना होगा।
तकनीकी सहायता के लिए हर काउंटर पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की टीम तैनात रहेगी। यह सुविधा सांसदों को उपस्थिति दर्ज करने में आसानी और तेजी प्रदान करेगी।
पारंपरिक पुस्तिका भी उपलब्ध
लोकसभा सचिवालय ने बताया कि पारंपरिक उपस्थिति पुस्तिका पहले की तरह काउंटर पर उपलब्ध रहेगी। हालांकि, सांसदों को डिजिटल पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि संसद को पूरी तरह कागज रहित बनाने का उद्देश्य पूरा हो सके।
डिजिटल व्यवस्था का उद्देश्य
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल के तहत यह कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य न केवल संसद को अधिक डिजिटल और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है, बल्कि कार्यक्षमता को भी बढ़ाना है।
पहले भी हुआ था डिजिटल बदलाव
इससे पहले, लोकसभा सदस्यों के लिए मोबाइल ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज करने की सुविधा दी गई थी। अब डिजिटल पेन और टैब से उपस्थिति दर्ज करना सांसदों के लिए एक और आधुनिक विकल्प बन गया है।
सत्र में एजेंडा
शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने की कोशिश करेगी। एजेंडे में वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित 16 विधेयक शामिल हैं। साथ ही, विपक्ष ने मणिपुर हिंसा और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
निष्कर्ष
संसद में डिजिटल पेन और टैब का उपयोग, पारंपरिक प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देता है। यह व्यवस्था कार्यप्रणाली को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।