महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: 23 नवंबर को नतीजे, दोबारा मतदान की मांग क्यों उठी?
122 संवेदनशील पोलिंग बूथों पर बोगस वोटिंग का आरोप, राजेसाहेब देशमुख ने की पुनः चुनाव की मांग
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को 288 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान हुआ, और अब 23 नवंबर को नतीजे आने वाले हैं। लेकिन नतीजों से ठीक पहले पुनः मतदान की मांग ने हलचल मचा दी है।
पुनः चुनाव की मांग किसने की?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के परली विधानसभा सीट से उम्मीदवार राजेसाहेब देशमुख ने 122 अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों पर दोबारा मतदान की मांग की है। उनका कहना है कि इन बूथों पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं।
राजेसाहेब देशमुख ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट द्वारा संवेदनशील घोषित किए गए इन बूथों पर बोगस वोटिंग हुई, सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, बिजली का कनेक्शन काट दिया गया, और महिलाओं को वोट देने से रोका गया।
क्या हैं मुख्य आरोप?
- बोगस वोटिंग: संवेदनशील बूथों पर मतदाताओं को डराकर वोटिंग को प्रभावित किया गया।
- सीसीटीवी की कमी: मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज की कोई व्यवस्था नहीं थी।
- महिलाओं को रोका गया: कई महिलाओं को मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया।
- सीआरपीएफ की गैरमौजूदगी: ऐसे संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई।
23 नवंबर को आएंगे नतीजे:
चुनाव परिणाम आने के बाद ही तय होगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। बहुमत के लिए 145 सीटों पर जीत जरूरी है। इस बार महायुति सरकार (भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस-शरद पवार गुट) के बीच कड़ी टक्कर है।
एग्जिट पोल के अनुमानों में महायुति को बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए दिखाया गया है। लेकिन चुनावी गड़बड़ियों के आरोपों और पुनः मतदान की मांग के बीच, नतीजों के बाद प्रदेश की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट होगी।
क्या होगा आगे?
चुनाव आयोग और प्रशासन पर अब निष्पक्ष जांच और पारदर्शी तरीके से नतीजे घोषित करने का दबाव है। संवेदनशील बूथों पर गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देता है।