दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता संकट
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
प्रदूषण के कारण:
- पराली जलाना: हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं अभी भी जारी हैं। किसानों के पास बेहतर विकल्पों की कमी है।
- वाहनों का धुआं: दिल्ली की सड़कों पर लाखों वाहन चलते हैं, जिनसे कार्बन उत्सर्जन होता है।
- निर्माण कार्य: बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों के चलते धूल के कण हवा में बढ़ गए हैं।
सरकारी प्रयास:
सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई कदम उठाए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, स्कूलों में छुट्टी, और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल अल्पकालिक समाधान हैं।
जनता की प्रतिक्रिया:
निवासी मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। कई लोग श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है।