डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन का रूस पर बड़ा हमला, 34 ड्रोन दागे गए

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यूक्रेन ने एक बार फिर रूस के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को तेज करते हुए बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए हैं। रूस के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर यूक्रेनी सेना ने 34 ड्रोन दागे, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। यह हमला अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद हुआ है, जिसने वैश्विक राजनीति में नई हलचल मचा दी है। यूक्रेन का यह हमला रूस के खिलाफ उसके सशस्त्र संघर्ष को और भी तेज कर सकता है।

ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन का बड़ा कदम

रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन ने यह हमला 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद किया, जिनकी विदेश नीति को लेकर रूस समर्थक रुख की आशंका जताई जा रही थी। ट्रंप की चुनावी जीत के बाद यूक्रेन ने इस सैन्य कार्रवाई को अपनी सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम बताया है, क्योंकि उन्हें डर है कि ट्रंप की संभावित सरकार रूस के साथ अपने रिश्ते सुधार सकती है, जो यूक्रेन के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।

34 ड्रोन हमले की ताजातरीन घटनाएँ

यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, रूस के कई सैन्य ठिकानों पर 34 ड्रोन दागे गए, जिनमें से कई ने अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। रूस के क्रीमिया, काला सागर और कुछ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में धमाके की आवाजें सुनाई दीं। यूक्रेन ने इन हमलों के लिए अपनी नई ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो काफी प्रभावी साबित हुई है। रूस ने हमलों की पुष्टि की है, लेकिन उसने इस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।

यूक्रेन के लिए युद्ध की स्थिति

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इन हमलों को “रूस के खिलाफ न्याय की लड़ाई” करार दिया है। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा, जब तक यूक्रेन को उसकी संप्रभुता और स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो जाती। ज़ेलेंस्की ने यह भी बताया कि यूक्रेनी सेना रूस के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर युद्ध के मैदान में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।

रूस का जवाब

रूस ने यूक्रेन के इस हमले को “कायराना और निंदनीय” बताया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेनी ड्रोन को रोकने के लिए कार्रवाई की गई है, और इस हमले में किसी महत्वपूर्ण सैन्य नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ड्रोन हमलों के कारण रूस के कुछ सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ तेज हो गई हैं। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के इस कदम को रूस के खिलाफ उनकी रक्षा का सही उपाय बताया, जबकि रूस और उसके सहयोगी देशों ने इसे युद्धविराम और बातचीत की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वाला कदम माना है।