पाकिस्तान में ‘जहरीली’ हवा बनी मुसीबत! मुल्तान में AQI 2000 के पार, लोगों का हाल-बेहाल

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पाकिस्तान के मुल्तान शहर में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच गया है, जिसके चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 2000 के पार जा पहुंचा है। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट बन गई है, क्योंकि वायु की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। इस प्रदूषण की वजह से शहर के लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, और स्वास्थ्य सेवाएं भी खासी दबाव में हैं।

क्या है AQI 2000 का मतलब?

AQI 2000 का मतलब है कि हवा में प्रदूषण का स्तर “अत्यधिक खतरनाक” है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर हवा में मौजूद पीएम 2.5 कण (जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं) की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि यह गंभीर श्वसन समस्याओं का कारण बन सकती है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक है, जो दमा, अस्थमा, हृदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं।

लोगों का हाल

मुल्तान में लोग इस घातक प्रदूषण से जूझ रहे हैं। सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसे लक्षण आम हो गए हैं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से इस प्रदूषण से समस्या हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शहरवासियों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी है और मास्क पहनने की चेतावनी दी है।

प्रदूषण का कारण

पाकिस्तान में कृषि जलाना, वाहन उत्सर्जन, और औद्योगिकीकरण के कारण प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि हो रही है। मुल्तान और अन्य शहरों में मौसम के बदलने के कारण सर्दी और धुंआ एक साथ मिलकर स्मॉग (धुंआ, धुंध और प्रदूषण का मिश्रण) बना रहे हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो रही है। इसके साथ ही, कटाई के बाद फसल जलाना भी प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बन गया है।

क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

पाकिस्तान सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर स्मॉग नियंत्रण उपाय लागू किए हैं। मुल्तान सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है और सड़क परिवहन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण के लिए औद्योगिक गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रदूषण का स्तर इस तरह बढ़ता रहा, तो यह लंबे समय में लोगों के श्वसन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। साथ ही, इसके कारण हृदय और रक्तचाप जैसी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे जितना हो सके, घरों में रहकर, मास्क पहनकर और हवा को फिल्टर करने वाली मशीनों का इस्तेमाल करें।