बहन ने भाई के खिलाफ भरा पर्चा, पिता ने बेटी को दिया नोटिस… रोचक है महाराष्ट्र की देवलाली सीट का समीकरण

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महाराष्ट्र की देवलाली विधानसभा सीट इस बार चुनावी परिप्रेक्ष्य में विशेष रूप से चर्चा में है, जहां पारिवारिक समीकरणों ने राजनीति को एक नया मोड़ दिया है। इस सीट पर एक परिवार के तीन सदस्य चुनावी मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं, जिससे यहां की राजनीति रोचक बन गई है।

पारिवारिक राजनीति का अनोखा नज़ारा

देवलाली सीट पर यह अद्भुत स्थिति तब बनी, जब संजय गायकवाड़, जो कि इस सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं, उनकी बहन संध्या गायकवाड़ ने अपने भाई के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा। संजय गायकवाड़ ने पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया।

इस राजनीतिक उठापटक के बीच संजय गायकवाड़ के पिता राम गायकवाड़ ने अपनी बेटी संध्या को चुनावी मैदान में उतरने के बाद एक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने संध्या से कहा कि वह परिवार के नाम और प्रतिष्ठा का ध्यान रखें।

राजनीतिक समीकरणों का परिवर्तन

इस बार देवलाली विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण काफी बदल गए हैं। संजय गायकवाड़ और संध्या गायकवाड़ के बीच यह टकराव न केवल पारिवारिक रिश्तों को चुनौती दे रहा है, बल्कि इसने क्षेत्र में एक नए राजनीतिक तंत्र को भी जन्म दिया है।

संध्या गायकवाड़ ने अपने भाई के खिलाफ चुनाव लड़ने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि यह उनके राजनीतिक अधिकार का मामला है और वह अपने तरीके से लोगों की सेवा करना चाहती हैं। वहीं, संजय गायकवाड़ ने कहा कि यह पारिवारिक विवाद नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र का एक हिस्सा है, जहां हर किसी को अपनी बात रखने का हक है।

चुनावी रणनीति और मतदाता

देवलाली विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3 लाख के करीब हैं, और इस बार चुनावी प्रचार में सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ परिवार के मुद्दों को भी अहमियत दी जा रही है। यहां परंपरागत रूप से जो राजनीतिक समीकरण रहे हैं, इस बार वे परिवार के अंदर के इस टकराव के कारण बदल सकते हैं।

क्षेत्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया

इस अनोखे पारिवारिक विवाद पर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने इसे पारिवारिक राजनीति का हंसी मजाक करार दिया, जबकि कुछ ने इसे लोकतंत्र की खूबसूरती बताया।