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24 नवंबर: पाकिस्तान में तख्तापलट की सुगबुगाहट?

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पाकिस्तान में सियासी संकट

24 नवंबर को पाकिस्तान में राजनीतिक हालात नए मोड़ पर पहुंच सकते हैं। शहबाज शरीफ की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इस तारीख को लेकर लाहौर और कराची की गलियों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। पाकिस्तान की राजनीति में यह दिन सत्ता परिवर्तन की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।

बुशरा बीबी की भूमिका

इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने इस्लामाबाद में एक बड़े आंदोलन का आह्वान किया है। उन्होंने पाकिस्तान के हर तबके, खासकर छात्रों और शिक्षकों से अपील की है कि वे 24 नवंबर को सड़कों पर उतरकर इमरान खान की रिहाई और शहबाज सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।

सत्ता के खेल का नया अध्याय

पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में तख्तापलट और सत्ता परिवर्तन कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है। बुशरा बीबी के नेतृत्व में हो रहे इस आंदोलन को ‘जादुई खेल’ का नाम दिया जा रहा है। यह संकेत देता है कि सत्ता के लिए एक अनोखी रणनीति अपनाई जा रही है।

सेना और राजनीति का टकराव

पाकिस्तान में सेना का प्रभाव हमेशा से राजनीति पर हावी रहा है। कोई भी प्रधानमंत्री जिसने सेना के खिलाफ जाने की कोशिश की, उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा। अब देखना यह होगा कि 24 नवंबर को होने वाले इस आंदोलन का पाकिस्तान की राजनीति और शहबाज शरीफ की सरकार पर क्या असर पड़ता है।