प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक, आश्रमों के नाम बदलने पर चर्चा

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प्रयागराज स्थित श्री निरंजनी अखाड़ा के आश्रम में शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने की। इस बैठक में विभिन्न धार्मिक और प्रशासनिक मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में आश्रमों और धार्मिक संस्थानों के नाम बदलने पर चर्चा हुई, और अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं घोषणा

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही आश्रमों और धार्मिक स्थलों के नामों में बदलाव की घोषणा कर सकते हैं। यह कदम राज्य सरकार की “धार्मिक-सांस्कृतिक पुनर्जागरण” की नीति के तहत उठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदलने के पक्षधर रहे हैं, और ऐसे कदमों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अहम पहल माना जाता है।

बैठक के मुख्य बिंदु

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की इस बैठक में अन्य धार्मिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें संत समाज की भूमिका, विभिन्न धार्मिक आयोजनों का संचालन, और धार्मिक संस्थानों की देखरेख के संबंध में निर्णय लिए गए। इसके अलावा, अखाड़ों की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित रखने और उन्हें अधिक सशक्त बनाने के प्रयासों पर भी विचार किया गया।

नाम बदलने की प्रक्रिया का उद्देश्य

नाम बदलने की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को उनके मूल नामों से जोड़ना और समाज में सांस्कृतिक गौरव का पुनर्निर्माण करना है। इससे लोगों में अपनी धार्मिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे अपनी संस्कृति के प्रति अधिक गर्व महसूस करेंगे।

निष्कर्ष

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आश्रमों और धार्मिक स्थलों के नाम बदलने के संबंध में घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल को भारतीय संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।