दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2025 विधानसभा चुनाव से पहले यमुना नदी को साफ करने का वादा किया है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को लेकर उन्हें घेरने की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि केजरीवाल सरकार पिछले कई सालों से यमुना के प्रदूषण को कम करने में असफल रही है।
1. भाजपा का आरोप
भाजपा के नेता केजरीवाल पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने पिछले कार्यकाल में यमुना के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। भाजपा ने कहा कि दिल्ली की जनता को केजरीवाल के वादों पर विश्वास नहीं है, क्योंकि उन्होंने पहले भी कई बार इसी तरह के वादे किए हैं।
2. केजरीवाल का बयान
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनकी सरकार यमुना नदी को साफ करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी और इसमें डुबकी लगाने का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यमुना को साफ करने के लिए तकनीकी और वित्तीय संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
3. यमुना की स्थिति
वर्तमान में यमुना नदी प्रदूषण की चपेट में है, जिसमें औद्योगिक कचरा, घरेलू गंदगी और अन्य प्रदूषक शामिल हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर उपाय नहीं किए गए, तो यमुना का जल गुणवत्ता और भी खराब हो जाएगी, जिससे दिल्ली की जनता को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
4. भाजपा की रणनीति
भाजपा ने यमुना के प्रदूषण के मुद्दे को अपने चुनावी अभियान में शामिल करने की योजना बनाई है। पार्टी के नेता इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं और उन्हें याद दिला रहे हैं कि केजरीवाल ने पिछले कार्यकाल में यमुना को साफ करने के वादे किए थे, लेकिन उन्होंने उन वादों को पूरा नहीं किया।
5. प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई
भाजपा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार को यमुना के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक ठोस योजना बनानी चाहिए। पार्टी ने सुझाव दिया है कि इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त नियमों और नीतियों की आवश्यकता है, ताकि पवित्र नदी की स्थिति में सुधार हो सके।