सऊदी अरब में पाकिस्तानी भिखारियों का मामला: हज और उमराह के नाम पर मांगते हैं भीख, सख्त एक्शन की तैयारी
सऊदी की समस्या:
हर साल लाखों मुसलमान हज और उमराह के लिए सऊदी अरब स्थित पवित्र स्थल मक्का और मदीना की यात्रा करते हैं। इनमें पाकिस्तानी नागरिक भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, सऊदी सरकार ने देखा है कि हज और उमराह के नाम पर आने वाले कुछ लोग वहां भीख मांगने लगते हैं, जिससे सऊदी प्रशासन परेशान हो गया है।
सऊदी अरब का सख्त रुख
सऊदी अरब ने इस मसले को लेकर पाकिस्तान सरकार से नाराजगी जाहिर की है। इन भिखारियों के चलते सऊदी अरब में एक बड़ा नेटवर्क बन गया है, जो देश की व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
सऊदी अरब की चेतावनी के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस समस्या पर सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
- हलफनामा: अब हज और उमराह पर जाने वाले लोगों को पहले एक हलफनामा देना होगा, जिसमें यह वादा करना होगा कि वे सऊदी अरब में भीख नहीं मांगेंगे।
- 4300 नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में: पाकिस्तान ने 4300 लोगों के नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिए हैं। इस लिस्ट में शामिल लोगों को विदेश यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
- नेटवर्क पर कार्रवाई: शहबाज शरीफ सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान से सऊदी अरब भिखारियों को भेजने वाले नेटवर्क को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
बैठक और समाधान:
इस मामले में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और सऊदी अरब के उप आंतरिक मंत्री नासिर बिन अब्दुलअजीज अल-दाउद के बीच बैठक भी हुई। बैठक में सऊदी अरब को भरोसा दिलाया गया कि इस समस्या को गंभीरता से हल किया जाएगा।
सऊदी की चेतावनी और समाधान:
सऊदी अरब ने पाकिस्तानी सरकार को साफ कहा है कि अगर यह समस्या खत्म नहीं हुई, तो सऊदी यात्रा के लिए नियम और सख्त किए जाएंगे।
निष्कर्ष:
सऊदी अरब में पाकिस्तानी भिखारियों का बढ़ता नेटवर्क दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बन गया है। हालांकि पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदम यह दिखाते हैं कि वह इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है। अब देखना होगा कि सऊदी सरकार की शिकायतों का समाधान कितना प्रभावी होता है।