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संभल हिंसा: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सपा सांसद-विधायक समेत 2700 पर एफआईआर, 25 गिरफ्तार

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जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा, प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल समेत 2700 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से 25 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

हिंसा का कारण और प्रशासन की प्रतिक्रिया

जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा भड़क उठी। मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच की जाएगी ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।

सपा नेताओं पर आरोप

सरथल पुलिस चौकी के प्रभारी दीपक राठी की ओर से दर्ज एफआईआर में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल समेत 800 लोगों पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, अन्य 1900 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

घटना के बाद से संभल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

आगे की कार्रवाई

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मजिस्ट्रियल जांच के परिणामों के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की जाएगी।

निष्कर्ष

संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया है। मजिस्ट्रियल जांच और सपा नेताओं समेत 2700 लोगों पर एफआईआर दर्ज होने से स्पष्ट है कि प्रशासन इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।