अंतरराष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन युद्ध: लैंडमाइंस से बढ़ी हलचल, बाइडेन की रणनीति और ट्रंप के आने से बदल सकती है तस्वीर

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अमेरिका की नई मदद:
अमेरिका ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस भेजने का फैसला किया है। यह कदम रूस के खिलाफ यूक्रेन को सामरिक बढ़त देने के लिए उठाया गया है। इससे पहले बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी।

लैंडमाइंस का फैसला क्यों?

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि रूस ने अपनी रणनीति बदलकर अब पैदल सेना को प्राथमिकता दी है। लैंडमाइंस का इस्तेमाल रूस की इस रणनीति को कमजोर करने के लिए किया जाएगा। हालांकि, इस कदम की मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की है।

बाइडेन की नीति में बदलाव:

2022 में, बाइडेन ने लैंडमाइंस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की गंभीरता को देखते हुए यह प्रतिबंध हटाकर अब इन्हें यूक्रेन को भेजा जा रहा है।

यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों से मिली ताकत:

हाल ही में, यूक्रेन ने 300 किमी तक मारक क्षमता वाली एटीएसीएमएस मिसाइलों का रूस के क्षेत्रों पर सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। इससे यूक्रेन को रूस के खिलाफ रणनीतिक बढ़त मिली है।

ट्रंप की वापसी की संभावना:

डोनाल्ड ट्रंप ने हमेशा यूक्रेन को दी जा रही अमेरिकी मदद की आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि सत्ता में लौटने पर वे कुछ घंटों में युद्ध रोक सकते हैं।

  • ट्रंप के आने से संभावनाएं: उनकी वापसी पर यूक्रेन को मिल रही अमेरिकी सहायता सीमित हो सकती है, जिससे कीव और यूरोप में चिंता बढ़ गई है।

बारूदी सुरंगों की खासियत:

अमेरिका ने “गैर-स्थायी” लैंडमाइंस भेजने का फैसला किया है, जो दो हफ्तों के भीतर निष्क्रिय हो जाती हैं। इससे नागरिकों के लिए जोखिम कम होता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में बढ़ती तीव्रता:

दोनों पक्ष जनवरी 2025 में संभावित अमेरिकी सत्ता परिवर्तन से पहले निर्णायक बढ़त हासिल करना चाहते हैं।

  • पुतिन का परमाणु नीति में बदलाव: व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर लगी पाबंदियों में ढील दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

युद्ध का मानवीय पहलू:

लैंडमाइंस भले ही सामरिक रूप से उपयोगी हों, लेकिन इनका मानवीय पहलू चिंताजनक है। इतिहास गवाह है कि लैंडमाइंस का इस्तेमाल वर्षों बाद भी आम लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

आगे का रास्ता:

बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को निर्णायक बढ़त देने की कोशिश में है, जबकि ट्रंप की संभावित वापसी से अमेरिकी नीति में बड़ा बदलाव हो सकता है।

  • यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यूक्रेन इस समय को कैसे उपयोग करता है और यह युद्ध किस दिशा में आगे बढ़ता है।

निष्कर्ष:
रूस-यूक्रेन युद्ध का परिणाम वैश्विक शक्ति संतुलन पर गहरा प्रभाव डालेगा। अमेरिका की मौजूदा नीतियां यूक्रेन को ताकत देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन आने वाले समय में यह स्थिरता कितनी बनी रहेगी, यह वैश्विक राजनीति पर निर्भर करेगा।