नवरात्रि का पहला दिन आज: जीवन में स्थिरता और साहस देती हैं शैलपुत्री, पीले कपड़े पहनकर करें देवी पूजा

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आज से नवरात्रि की शुभ शुरुआत हो चुकी है, और पहले दिन माँ दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि का यह पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, जिसमें नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है। माँ शैलपुत्री, नवरात्रि की पहली देवी हैं, जो भक्तों को जीवन में स्थिरता, साहस और समर्पण का आशीर्वाद देती हैं।

माँ शैलपुत्री की महिमा
माँ शैलपुत्री का नाम हिमालय के पर्वतराज से जुड़ा है, जिनका अर्थ है “पर्वत की पुत्री”। वे प्रकृति की शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं और उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और साहस आता है। माँ शैलपुत्री अपने भक्तों को दृढ़ता और संकल्प के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती हैं।

पूजा विधि और रंगों का महत्व
नवरात्रि के पहले दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का विशेष महत्व है। पीला रंग शुभता, उत्साह और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माँ शैलपुत्री की पूजा में घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है, इससे व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-शांति का वास होता है। भक्त सुबह-सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करके माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं और उनके चरणों में अर्पण करते हैं।

नवरात्रि की शुरुआत का महत्व
नवरात्रि का पर्व केवल देवी पूजा का ही नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और साधना का भी समय है। इन नौ दिनों में साधक अपने जीवन को संयमित और शुद्ध बनाने के लिए व्रत, ध्यान और मंत्र जाप करते हैं। माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति को शक्ति, साहस और संकल्प मिलता है।

विशेष संदेश
नवरात्रि का यह पावन पर्व जीवन में नई ऊर्जा, विश्वास और भक्ति का संदेश लेकर आता है। माँ शैलपुत्री की कृपा से सभी भक्तों के जीवन में स्थिरता, समृद्धि और साहस बना रहे। इस शुभ दिन पर माँ की आराधना करें, व्रत रखें और जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं।