महाकाल की भक्ति में लीन श्रद्धालु 12 नवंबर को विशेष पूजा-अर्चना के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। इस दिन भगवान महाकाल का विशेष स्नान किया जाएगा, जिसमें केसर और चंदन का उबटन लगाकर उन्हें गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। यह परंपरा हर साल दिवाली के अवसर पर मनाई जाती है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है।
स्नान और पूजन का कार्यक्रम
भगवान महाकाल का यह विशेष स्नान भव्य और आकर्षक होगा। श्रद्धालुओं को भव्य मंदिर परिसर में भगवान की आराधना के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके बाद, भगवान को अन्नकूट के महाभोग अर्पित किए जाएंगे, जिसमें विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होंगे।
फुलझड़ी से आरती
महाभोग के बाद, भगवान महाकाल की फुलझड़ी से आरती की जाएगी। यह आरती भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होगा, जहाँ वे भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करेंगे। आरती के दौरान मंदिर में रंगीन फुलझड़ी जलायी जाएगी, जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी और माहौल को रोशनी और आनंद से भर देगी।
भक्तों की भागीदारी
इस अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आएंगे। वे इस दिवाली को भगवान महाकाल के दर पर मनाने के लिए उत्सुक हैं। इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भक्ति का प्रतीक भी है।
इस प्रकार, दिवाली के दिन भगवान महाकाल का विशेष स्नान और भव्य आरती भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा, जो उन्हें दिव्यता और आस्था से भर देगा।