दिल्ली: रिश्वत न लेने के बावजूद ASI की गिरफ्तारी, जानें क्या है इस अनोखे मामले की पूरी कहानी

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दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) को रिश्वत न लेने के बावजूद गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के द्वारा की गई, जिसमें रिश्वत से जुड़े मामलों को रोकने के लिए कई बार योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया जाता है। लेकिन इस बार मामला काफी अलग और चौंकाने वाला है, क्योंकि ASI ने न तो रिश्वत की मांग की और न ही उसे हाथ में लिया, फिर भी गिरफ्तारी हुई।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली पुलिस के ASI को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने इस संदेह के आधार पर पकड़ा कि वह एक मामले में घूस ले सकता है। शिकायतकर्ता के अनुसार, ASI पर रिश्वत लेने का संदेह था और एसीबी ने उनके खिलाफ एक जाल बिछाया। लेकिन, ASI ने रिश्वत लेने से इनकार कर दिया और कथित तौर पर किसी तरह की घूस को हाथ में नहीं लिया। इसके बावजूद एसीबी ने इस मामले में उन्हें हिरासत में लिया, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया।

शिकायतकर्ता की भूमिका

इस मामले में एक अन्य महत्वपूर्ण कड़ी शिकायतकर्ता है, जिसने एसीबी को इस बारे में जानकारी दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि ASI ने उनसे एक काम कराने के एवज में घूस की मांग की थी। एसीबी ने इस पर कार्रवाई करते हुए छापा मारा और ASI को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि ASI ने किसी भी तरह की रिश्वत को हाथ में नहीं लिया।

एसीबी का तर्क

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का कहना है कि उनके पास शिकायतकर्ता के बयानों और कुछ सबूतों के आधार पर ASI के खिलाफ मामला दर्ज करने का पर्याप्त आधार था। एसीबी के अनुसार, किसी व्यक्ति पर रिश्वत लेने का आरोप लगाना काफी नहीं होता, बल्कि इसके लिए साक्ष्यों की आवश्यकता होती है। एसीबी का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से अन्य पुलिसकर्मियों को भी एक सख्त संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ASI की ओर से सफाई

ASI ने अपनी ओर से सफाई देते हुए दावा किया कि उन्होंने रिश्वत नहीं मांगी और न ही इसे हाथ में लिया। उनका कहना है कि यह उनके खिलाफ एक साजिश हो सकती है, ताकि उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा सके। एसीबी द्वारा गिरफ्तार होने के बावजूद, ASI अपनी बेगुनाही का दावा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।

मामला क्यों है अनोखा?

यह मामला इसलिए अनोखा है क्योंकि यहां न तो रिश्वत मांगी गई, न ही ली गई, फिर भी गिरफ्तारी हो गई। आमतौर पर एसीबी के मामलों में अपराधी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए सटीक साक्ष्य और प्रक्रिया का पालन किया जाता है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई ठोस साक्ष्य न होने के बावजूद गिरफ्तारी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।