तुर्किये और हिज्बुल्लाह के नेताओं ने हाल के इजरायली हमलों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। तुर्किये ने इजरायल के साथ बढ़ते तनाव को लेकर चेतावनी दी है, जबकि हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर एक बड़ा आक्रमण करने का ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने 100 मिसाइलें दागने का दावा किया है।
1. तुर्किये की चेतावनी:
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान ने इजरायल के हालिया हमलों को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “अगर इजरायल की कार्रवाइयाँ इसी तरह जारी रहीं, तो इसका परिणाम भयानक होगा। इतिहास ने हमें सिखाया है कि ऐसे अत्याचारों का अंत नहीं होता। जैसे हिटलर को दुनिया ने रोका था, वैसे ही इजरायल को भी रोकना होगा।” एर्दोगान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इजरायल के खिलाफ खड़े हों और फलीस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा करें।
2. हिज्बुल्लाह का बड़ा अटैक:
इस बीच, लेबनानी समूह हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर एक बड़ा आक्रमण करने की घोषणा की है। हिज्बुल्लाह ने 100 मिसाइलों को इजरायल की ओर दागने का दावा किया है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा, “हम इजरायल को यह बताना चाहते हैं कि हम किसी भी तरह की आक्रामकता को सहन नहीं करेंगे। यह हमला हमारी शक्ति का परिचायक है।”
3. इजरायल की प्रतिक्रिया:
इजरायल सरकार ने इन धमकियों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सुरक्षा बलों को उच्चतम स्तर पर सतर्क कर दिया गया है। पिछले कुछ दिनों में इजरायल ने अपनी सुरक्षा में इजाफा किया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए हैं।
4. क्षेत्रीय स्थिति:
इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। तुर्किये और हिज्बुल्लाह की प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि इस क्षेत्र में स्थिति कितनी नाजुक है। इसके चलते क्षेत्रीय स्थिरता पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
5. वैश्विक प्रतिक्रिया:
वैश्विक स्तर पर भी इस मुद्दे को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। कई देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं और शांति की अपील कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि मध्य पूर्व का क्षेत्र एक संवेदनशील और जटिल स्थिति में है, और यहाँ के घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है।