Uncategorized

कनाडा में लाखों भारतीय छात्रों का भविष्य अंधेरे में, 2025 तक छोड़ना पड़ेगा देश

Spread the love

कनाडा की नई नीतियों के कारण विदेशी छात्रों को मिल रही मुश्किलें

कनाडा की सरकार के एक नए फैसले ने भारत समेत कई विदेशी छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। कनाडा में अध्ययन करने के लिए गए लाखों भारतीय छात्रों को अब अगले साल 2025 तक अपना देश छोड़ने का खतरा है। कनाडा की ट्रूडो सरकार की सख्त नीतियों के चलते करीब 7 लाख विदेशी छात्रों के लिए अस्थायी वर्क परमिट 2025 तक समाप्त हो जाएंगे, जिसके बाद उन्हें कनाडा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

50 लाख अस्थायी परमिट खत्म होंगे, 7 लाख छात्र प्रभावित

कनाडा में विदेश से आए छात्रों के लिए वर्क परमिट आम तौर पर 9 महीने से लेकर 3 साल तक के लिए होते हैं। लेकिन 2025 में कुल 50 लाख अस्थायी परमिट खत्म होने वाले हैं, जिनमें से 7 लाख परमिट विदेशी छात्रों के हैं। इस निर्णय के बाद इन छात्रों को कनाडा में बने रहने के लिए नए परमिट मिलने में दिक्कत हो सकती है।

ट्रूडो सरकार की सख्ती से बढ़ी चिंता

कनाडा के आव्रजन मंत्री, मार्क मिलर ने हाल ही में यह जानकारी दी थी कि 50 लाख परमिट खत्म होने के बाद, सरकार इन परमिटों की सख्त जांच करेगी। मिलर का कहना है कि कनाडा में परमानेंट रेजिडेंसी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ने के कारण जांच प्रक्रिया और कड़ी की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, फर्जी आवेदकों को बाहर किया जाएगा, जिससे असल छात्रों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कुछ छात्रों को मिलेंगे नए वर्क परमिट

हालांकि, मिलर ने यह भी कहा कि सभी अस्थायी निवासियों को कनाडा छोड़ने की जरूरत नहीं होगी। कुछ छात्रों को नए परमिट या पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट दिए जाएंगे। लेकिन कनाडा में इन परमिटों की संख्या में कमी आई है। 2024 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दिए जाने वाले परमिट में 35% की कमी की गई थी, और 2025 में इसे 10% और घटाने की योजना है।

कनाडा सरकार की नीतियों पर विवाद

इस फैसले का कनाडा में ही विरोध हो रहा है। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इससे अस्थायी निवासियों के लिए अनिश्चितता बढ़ रही है और कनाडा को इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है। उनका कहना था कि यह नीतियां कनाडा की इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा सकती हैं क्योंकि विदेशी छात्रों का योगदान महत्वपूर्ण है।

नतीजा: लाखों छात्रों का भविष्य अंधेरे में

कनाडा की नई नीतियों के चलते, जो छात्र कनाडा में पढ़ाई करने के बाद काम करने के लिए वर्क परमिट का उपयोग कर रहे थे, उनके लिए संकट पैदा हो गया है। अगर ये छात्र अगले साल तक अपने परमिट को अपडेट नहीं करवा पाते हैं तो उन्हें कनाडा छोड़ना पड़ेगा, जिससे उनकी योजनाओं पर बुरा असर पड़ेगा।