इजरायल-हिज्बुल्लाह संघर्ष: फ्रांस के राष्ट्रपति बने ‘शांतिदूत’

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इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव और संघर्ष के बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मध्यस्थता का प्रयास करते हुए दोनों पक्षों के नेताओं से संपर्क किया है। उनके इस कदम को ‘शांतिदूत’ की भूमिका में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने शांति की अपील की है।

मैक्रों का फोन कॉल:

फ्रांस के राष्ट्रपति ने लेबनान के नेताओं और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया। मैक्रों ने दोनों पक्षों से स्थिति को और बढ़ाने से बचने की अपील की और संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया।

संघर्ष की पृष्ठभूमि:

इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष पिछले कुछ समय से बढ़ रहा है, जिसमें सीमा पर गोलाबारी और अन्य सैन्य गतिविधियाँ शामिल हैं। इस संघर्ष ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे गंभीरता से लिया है।

फ्रांस की मध्यस्थता की उम्मीदें:

फ्रांस ने हमेशा से मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई है। मैक्रों की पहल को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। उन्होंने दोनों पक्षों को यह याद दिलाया कि युद्ध केवल विनाश लाएगा और बातचीत ही समाधान है।

आगे की स्थिति:

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इजरायल और हिज्बुल्लाह इस मध्यस्थता को स्वीकार करेंगे और क्या कोई सकारात्मक परिणाम निकल सकेगा। मैक्रों की पहल के परिणाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं।