माइग्रेन की दवा का असर बढ़ाती है जलेबी, सही समय पर खाने से मिलेगा फायदा
माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं और आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि माइग्रेन की दवाओं के साथ जलेबी का सेवन करने से दवा का असर बढ़ सकता है। जलेबी में मौजूद मिठास और ऊर्जा शरीर में तेजी से अवशोषित होती है, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। खासकर, सुबह खाली पेट जलेबी खाने से माइग्रेन के मरीजों को राहत मिल सकती है।
कैसे काम करती है जलेबी?
जलेबी में ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। माइग्रेन के दौरान अक्सर सिर में ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है, जिससे दर्द और बढ़ सकता है। जलेबी खाने से शरीर में शुगर लेवल बैलेंस होता है, जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिल सकती है। साथ ही, जलेबी की मिठास शरीर के एंडोर्फिन हार्मोन को सक्रिय करती है, जो प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने में मदद करता है।
किस समय पर जलेबी खाने से ज्यादा फायदा?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर माइग्रेन के मरीज सुबह के वक्त खाली पेट जलेबी का सेवन करते हैं, तो इसका अधिक फायदा हो सकता है। इस समय शरीर ऊर्जा के लिए तैयार होता है और जलेबी का शुगर कंटेंट दवा के साथ मिलकर तुरंत असर दिखा सकता है। सुबह खाली पेट जलेबी खाने से माइग्रेन की दवा का प्रभाव भी तेज होता है, जिससे दर्द में जल्दी राहत मिलती है।
आयुर्वेद का दृष्टिकोण
आयुर्वेद में भी जलेबी को हल्के-फुल्के स्नैक्स के रूप में मान्यता दी गई है, जो त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि जलेबी का सेवन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें माइग्रेन के दर्द के साथ कमजोरी और थकान महसूस होती है। जलेबी शरीर को तुरंत ऊर्जा देने के साथ ही मस्तिष्क को शांत करने में भी मदद करती है, जिससे माइग्रेन की तीव्रता कम हो जाती है।
सावधानियां
हालांकि जलेबी का सेवन माइग्रेन में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में जलेबी खाने से शरीर में शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
माइग्रेन से परेशान लोग अपनी दवा के साथ थोड़ी जलेबी का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसे एक घरेलू उपाय के रूप में देखें, न कि इलाज के विकल्प के रूप में।