बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार पर खतरा, सेनाध्यक्ष ने बताया कब तक रहेगी सत्ता, शेख हसीना को लेकर दिया बड़ा बयान
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुख्तार अहमद यूनुस की सत्ता पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल शफीकुल इस्लाम ने हाल ही में दिए एक बयान में स्पष्ट किया है कि यूनुस की सरकार की स्थिति कब तक स्थिर रहेगी और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में भी महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं।
सेनाध्यक्ष का बयान
सेनाध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारी प्राथमिकता बांग्लादेश की सुरक्षा और स्थिरता है। यूनुस की अंतरिम सरकार को केवल तब तक काम करने की अनुमति दी जाएगी जब तक चुनाव प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से पूरी न हो जाए।” उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव के नतीजों के आधार पर ही सरकार के कार्यकाल का निर्धारण किया जाएगा।
शेख हसीना पर टिप्पणी
सेनाध्यक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का नाम लेते हुए कहा, “उनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। लेकिन अब हमें नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” यह टिप्पणी इस बात को इंगित करती है कि बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व की दृष्टि में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
राजनीतिक उथल-पुथल
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता बढ़ती जा रही है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सत्ता संघर्ष और चुनावी धांधली के आरोप शामिल हैं। यूनुस की अंतरिम सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में फैसले ले रही है, जिससे जनता में असंतोष और बढ़ रहा है। ऐसे में सेनाध्यक्ष का बयान इस स्थिति को और भी जटिल बना सकता है।
चुनावी प्रक्रिया पर ध्यान
बांग्लादेश की सेना ने चुनावी प्रक्रिया को मजबूत और सुरक्षित बनाने का आश्वासन दिया है। सेनाध्यक्ष ने कहा, “हम चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इससे यह संकेत मिलता है कि सेना न केवल सत्ता संतुलन को बनाए रखना चाहती है, बल्कि लोकतंत्र को भी सुरक्षित करना चाहती है।
अंतरिम सरकार का भविष्य
यूनुस की अंतरिम सरकार का भविष्य अब सेनाध्यक्ष के बयानों और बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है, तो यूनुस की सरकार को कुछ समय मिल सकता है। अन्यथा, राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो सकती है, जिससे देश में नए संकट उत्पन्न हो सकते हैं।