बच्चे की चाहत में लेस्बियन कपल ने उठाया खतरनाक कदम
समलैंगिक कपल पर बच्ची के अपहरण का आरोप, अदालत ने कहा- बच्चा पैदा करना जैविक रूप से असंभव
मुंबई में रहने वाले एक लेस्बियन कपल को पांच साल की बच्ची के अपहरण के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि कपल ने बच्चा पाने की अपनी इच्छा पूरी करने के लिए गैरकानूनी तरीका अपनाया, लेकिन उनके खिलाफ कोई शोषण के सबूत नहीं मिले।
क्या है मामला?
यह घटना मार्च 2024 की है, जब उपनगरीय मुंबई में एक बच्ची लापता हो गई। बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच की और अगले ही दिन बच्ची को कपल के घर से बरामद किया। इस कपल ने कथित तौर पर बच्ची को अन्य आरोपियों से 9,000 रुपये देकर हासिल किया था।
कपल की दलील:
कपल ने अपनी याचिका में कहा कि वे पिछले 10 वर्षों से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं और बच्चा चाहते थे। उन्होंने बच्ची के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार से इनकार किया।
अदालत का फैसला:
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि कपल के खिलाफ अपहरण का मामला बनता है, लेकिन यह जमानती अपराध है। न्यायमूर्ति मनीष पितले ने यह भी कहा कि LGBTQ+ समुदाय से होने के कारण ऐसे व्यक्तियों को समाज और जेल में उपहास का शिकार होना पड़ता है।
अदालत ने टिप्पणी की कि जैविक रूप से बच्चा पैदा करना कपल के लिए संभव नहीं है, और मौजूदा कानूनों के तहत उन्हें बच्चा गोद लेने का अधिकार भी नहीं है।
पृष्ठभूमि:
लड़की के माता-पिता की शिकायत के आधार पर कपल के अलावा तीन अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया। जांच में पाया गया कि बच्ची आखिरी बार इलाके की एक महिला के साथ देखी गई थी।
निष्कर्ष:
यह मामला समलैंगिक कपल के अधिकारों और समाज में उनकी स्थिति पर बहस को जन्म देता है। साथ ही, यह भी दिखाता है कि बच्चों के अधिकारों और उनके सुरक्षित भविष्य को लेकर कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए। समाज में सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कानून में बदलाव की आवश्यकता पर भी यह मामला ध्यान आकर्षित करता है।