नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से शहर के कुछ हिस्सों में 6 अक्टूबर तक लगाए गए हफ्ते भर के निषेधाज्ञा को तुरंत वापस लेने की मांग की है। केजरीवाल ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इस प्रकार के कदम से नागरिकों की स्वतंत्रता पर असर पड़ता है।
केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए निषेधाज्ञा को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। यह निर्णय न केवल नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को अपनी बात रखने और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है।
निषेधाज्ञा का कारण
दिल्ली पुलिस ने कुछ क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगाने का निर्णय किया था, जो आगामी घटनाओं और संभावित विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था। पुलिस का कहना है कि यह कदम शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक था, लेकिन केजरीवाल ने इस पर आपत्ति जताई।
लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा
केजरीवाल ने कहा कि सभी नागरिकों को अपने विचार व्यक्त करने और लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस प्रकार के उपायों के बजाय बातचीत और समावेशी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। “हम सबको मिलकर दिल्ली को एक बेहतर जगह बनाने के लिए काम करना चाहिए, न कि नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए,” उन्होंने कहा।