डोनाल्ड ट्रंप के 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की संभावना पर चर्चा तेज हो गई है। ट्रंप, जो पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं, अपने कार्यकाल में कई बार भारत के साथ मजबूत रिश्तों की बात कर चुके हैं, लेकिन उनके विदेश नीति के फैसले अक्सर विवादों के घेरे में रहे। अब जब वह फिर से राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं, तो यह सवाल उठता है कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के साथ उनके रिश्ते कैसे होंगे और दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।
1. भारत और अमेरिका के रिश्ते
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते काफी मजबूत हुए थे। हालांकि, उनकी कड़ी व्यापार नीतियों और चीन के खिलाफ किए गए फैसलों ने अमेरिका-भारत संबंधों में नयापन लाया था। ट्रंप प्रशासन ने भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा और रक्षा, व्यापार, और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग में वृद्धि की।
यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के साथ उनका रुख मिश्रित हो सकता है। ट्रंप चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के पक्षधर रहे हैं, और वह भारत को अपने रणनीतिक सहयोगी के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि, उनके पहले कार्यकाल में व्यापारिक संघर्षों के चलते भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों में उतार-चढ़ाव भी आया था, जो उनके दूसरे कार्यकाल में भी जारी रह सकते हैं।
2. चीन के खिलाफ कड़े कदम
ट्रंप का रुख चीन के प्रति बेहद सख्त रहा है, खासकर व्यापार युद्ध और दक्षिणी चीन सागर के विवादों को लेकर। यदि वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनका ध्यान चीन को कड़ी चुनौती देने पर रहेगा, और इसमें भारत एक अहम सहयोगी हो सकता है। भारत के लिए यह एक अवसर होगा क्योंकि ट्रंप प्रशासन चीन के खिलाफ अपने कदम और भी कड़े कर सकता है, और भारत को इस रणनीतिक संघर्ष में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देख सकता है।
3. पाकिस्तान के साथ रिश्ते
पाकिस्तान के साथ ट्रंप की नीति भी बेहद सख्त रही है। पाकिस्तान को लेकर ट्रंप ने कई बार कड़ी आलोचना की थी, विशेषकर जब उसने आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर पाकिस्तान को लेकर उनकी नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है। वह भारत को पाकिस्तान के खिलाफ और मजबूत कदम उठाने के लिए समर्थन दे सकते हैं, विशेषकर जब बात कश्मीर या आतंकवाद की हो।
4. ईरान के साथ संबंध
ट्रंप प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर निकलकर इसे दुनिया के सामने एक प्रमुख मुद्दा बना दिया था। ट्रंप ने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की नीति अपनाई, और ईरान के खिलाफ सैन्य और आर्थिक प्रतिबंधों को बढ़ावा दिया। यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह फिर से ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठा सकते हैं, जिसका भारत पर प्रत्यक्ष असर पड़ेगा। भारत, जो ईरान के साथ आर्थिक और ऊर्जा संबंधों में गहरा जुड़ा हुआ है, को यह स्थिति कठिनाइयों में डाल सकती है।
5. दुनिया पर असर
यदि ट्रंप पुनः राष्ट्रपति बनते हैं, तो दुनिया पर उनके फैसलों का बड़ा असर होगा। ट्रंप के कड़े रुख ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को अस्थिर किया था, और उनके द्वारा लिए गए फैसलों से वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और कूटनीति पर प्रभाव पड़ेगा। उनका चीन के खिलाफ रुख दुनिया में नए संघर्षों को जन्म दे सकता है, जबकि उनकी पाकिस्तान और ईरान के प्रति कड़ी नीतियां दक्षिण एशिया में तनाव को बढ़ा सकती हैं।
6. भारत के लिए संभावनाएं और चुनौतियां
भारत के लिए ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से कुछ अवसर और चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। जहां एक ओर, चीन और पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी समर्थन बढ़ सकता है, वहीं दूसरी ओर, व्यापारिक मुद्दों पर तनाव भी बने रह सकते हैं। भारत को अपनी स्थिति को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना होगा ताकि वह अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखे, लेकिन बिना अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता किए।