अमेरिका ने खालिस्तान समर्थकों को दिया समर्थन, पूर्व खुफिया अधिकारी पर गंभीर आरोप
कनाडा के बाद अब अमेरिका ने भी खालिस्तान समर्थकों के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाई है। यह घटनाक्रम भारत के लिए चिंताजनक है, खासकर जब से भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है।
खालिस्तान का समर्थन
अमेरिकी अधिकारियों ने एक बयान में कहा है कि वे खालिस्तान के लिए लड़ने वाले सिखों की आवाज़ को सुनने के लिए तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब खालिस्तान समर्थक संगठनों ने अमेरिका में अपनी गतिविधियों को बढ़ाया है। विशेष रूप से, यूके स्थित खालिस्तान समर्थक समूहों ने अमेरिका में भी अपने जड़ें मजबूत की हैं, जो भारतीय सरकार की चिंताओं को बढ़ा रहे हैं।
पूर्व खुफिया अधिकारी पर आरोप
इस बीच, भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्हें खालिस्तान समर्थकों के साथ संपर्क रखने और संवेदनशील जानकारियों को साझा करने के लिए संदिग्ध बताया गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
आरोपों के अनुसार, यह अधिकारी एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा था जो खालिस्तान समर्थकों के लिए फंडिंग जुटाने में शामिल था। इससे भारत के सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल उठते हैं और यह दर्शाता है कि कुछ भारतीय नागरिकों की तरफ से भी खालिस्तान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है और अमेरिका से स्पष्ट किया है कि खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत ने यह भी कहा है कि इस तरह की गतिविधियों से भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि खालिस्तान का आंदोलन भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, और वे इसे किसी भी कीमत पर खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस स्थिति के चलते, दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा और सहयोग को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।