अंतरराष्ट्रीय

ईरान के सुप्रीम लीडर का भारत के मुसलमानों पर विवादित बयान, इजरायल ने दिया करारा जवाब

Spread the love

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने हाल ही में भारत के मुसलमानों को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तूफान मचा दिया है। खामेनेई के इस बयान पर इजरायल ने तीखा विरोध जताते हुए करारा जवाब दिया है।

खामेनेई का विवादित बयान

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने भारत के मुसलमानों की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और दमनकारी नीतियों को अपनाया है। उन्होंने भारतीय मुसलमानों की स्थिति को “संगीन और चिंताजनक” बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की।

इजरायल का करारा जवाब

खामेनेई के बयान के तुरंत बाद, इजरायल ने ईरान की टिप्पणी को न केवल अनुचित बल्कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखा। इजरायल ने कहा कि खामेनेई का बयान “गलत और अपमानजनक” है और यह भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि ईरान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है और यह बयान “सच्चाई से परे” है।

इजरायल ने ईरान पर आरोप लगाया कि वह अपने आंतरिक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। इजरायल ने भारत के साथ अपनी मित्रता और समर्थन का स्पष्ट संकेत दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इस तरह के बयानों को गंभीरता से न लिया जाए।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी बनाए रखते हुए कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है और किसी भी विदेशी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। भारत ने अपने मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि देश में सभी धर्मों के लिए समान अवसर और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ देशों ने ईरान की टिप्पणी की आलोचना की है, जबकि कुछ ने इसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानते हुए चुप्पी साधी है। यह विवाद वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है और इसे लेकर विभिन्न देशों के बीच कूटनीतिक वार्ता और बयानबाजी जारी है।

सारांश

ईरान के सुप्रीम लीडर के विवादित बयान ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की बहस को गर्मा दिया है। इजरायल ने इस बयान पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए ईरान को भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहने की सलाह दी है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए विवादों और चर्चाओं का कारण बन सकती है।