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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम: मोदी सरकार तैनात करेगी 5,000 साइबर कमांडो, नई योजनाओं की घोषणा

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन खतरों से निपटने और देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगले पांच वर्षों में सरकार 5,000 साइबर कमांडो तैनात करेगी, जो देश को साइबर अपराधों से बचाने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित होंगे।

नई योजनाओं की घोषणा
मोदी सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई नई योजनाओं की भी घोषणा की है। इनमें प्रमुख हैं:

  1. साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर: इस सेंटर का उद्देश्य साइबर अपराधों की पहचान कर उन्हें रोकना और उनसे संबंधित मामलों का शीघ्र समाधान करना होगा।
  2. राष्ट्रीय रजिस्ट्री: साइबर अपराधों पर नज़र रखने के लिए एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री का निर्माण किया जाएगा, जिससे साइबर अपराधियों की पहचान और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
  3. एआई आधारित साइबर सुरक्षा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर साइबर अपराधों की रोकथाम की जाएगी। एआई सिस्टम साइबर हमलों की पहचान कर उन्हें रोकने में मदद करेंगे।

साइबर कमांडो की तैनाती
अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो की तैनाती का फैसला सरकार की इस दिशा में बड़ी पहल है। ये कमांडो अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों से लैस होंगे, और इन्हें साइबर सुरक्षा के हर पहलू में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनका काम न केवल साइबर हमलों को रोकना होगा, बल्कि संभावित खतरों की पहचान कर पहले से कार्रवाई करना भी होगा।

साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे
देश में डिजिटलाइजेशन और एआई के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर अपराधियों ने भी तकनीकों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। फिशिंग, डेटा चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मोदी सरकार की यह नई योजनाएं और साइबर कमांडो की तैनाती इस समस्या से निपटने के लिए एक ठोस कदम हैं।

इन योजनाओं से न केवल साइबर सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश को डिजिटल हमलों से भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।